निखिल कौशल कुल्लू। प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना अनुसार अब प्रदेश में कोरोना से प्रभावित उद्योगों ट्रांसपोर्टरों और कई अन्य उद्यमियों को विशेष पैकेज और राहत देने का सराहनीय फैसला 11 जून को हुई कैविनेट बैठक में लिया गया है जिससे प्रदेश के उद्यमियों को अपने उद्योगों को पटरी पर लाने में विशेष लाभ प्राप्त होगा और कोरोना के कारण वेरोजगार चल रहे लोगों को पुनः रोजगार भी प्राप्त होगा। हिमाचल प्रदेश में इस समय हज़ारो बुनकर अपनी रोजी रोटी हथकरघा उद्योग स्थापित कर प्राप्त कर रहे है। इन उद्योगों को चलाने वाले निज़ी उद्योग और सहकारी समितियों के रूप में चलाए जाने वाले उद्योग शामिल हैं। निशचित तौर पर इन उद्योगों ने अपने कारोबार को चलाने के लिए लाखों करोड़ो रूपये का कर्जा कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में बैंकों से लिया है जिस पर उन्हें बैकों को भारी राशि व्याज के रूप में देनी पड़ रही है। इस वात की जानकारी कुल्लू ज़िला सहकारी संघ के अध्यक्ष एंव पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर ने दी उन्होनें कहा कि समाज के पिछडे़ और ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी रीड़ समझें जाने वाले इन उद्योगो के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता से प्रदेश का पूरा बुनकर समाज़ आहत और हतप्रभ है क्योकि कोविड के इस डेढ़ वर्ष से अधिक समय में इन पिछडे उद्योगों की ही भांति एक प्रकार का पर्यटक आधारित उद्योग है तथा जिस तरह पर्यटन उद्योग इस महामारी से प्रभावित हुआ है उसी प्रकार बुनकर उद्योग भी प्रभावित हुआ है। सरकार से हमारा विनम्र निवेदन है कि जिस तरह प्रदेश में ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के लिए 40 करोड़ रूपये का पैकेज, पर्यटन उद्योग के लिए उनके वर्किग कैपिटल ऋण पर पांच वर्ष तक के लिए ब्याज राशि का इंटरेस्ट सबवेंशन प्रदान किया जा रहा है उसी तरह की राहत बुनकर उद्योगों को भी प्रदान की जावे ताकि वे आर्थिक संकट की इस घड़ी में अपने बुनकरों तथा संचालित उद्योगों का संरक्षण कर सकें।
2021-06-15