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पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने आठ राज्यों की पदयात्रा करके केरल पहुंचा कुल्लू का वीरेंद्र ठाकुर

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। पर्यावरण संरक्षण के बहुत सारी संस्थाएं अपना योगदान दे रही है। संस्था के अलावा कई लोग पर्यावरण संरक्षण एवं संबर्धन में अपना योगदान दे रहे है। ऐसे ही कुछ नया पर्यावरण के संरक्षण के लिए कुल्लू के युवा वीरेन्द्र्र ठाकुर ने कर दिखाया है। कहते है कि इरादे पक्के हो और होंसले बुलंद हो तो कोई भी बाजी जीती जा सकती है। विरेन्द्र ठाकुर पर्यावरण बचाने का संदेश लेकर पैदल ही पदयात्रा पर निकल पड़े। जिला कुल्लू उझी घाटी के फोजल के धारा गांव के वीरेंद्र कुमार ने पिता श्याम लाल व माता तारा देवी के घर दिनांक 29-08-1998 को बड़ी दो बहनों में से सबसे छोटे पैदा हुए। वीरेन्द्र ने जमा दो की शिक्षा वरिष्ट माघ्यमिक पाठशाला फोजल से ग्रहण की। वीरेन्द्र ठाकुर ने समाचार पत्रों व दूरदर्शन के माध्यम से मालुम हुआ कि कई लोग कोई नई सोच लेकर नया कुछ करने का साहस करते है जैसे किसी यातायात के साधन द्वारा दुनिया, देश या राज्य का किसी मिशन को लेकर प्रचार या संदेश जन-जन तक पहुंचाना आदि उसी से प्रेरित होकर वीरेन्द्र ने समाज को पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने व देश के विभिन्न राज्यो की संस्कृति को समझने का उद्देश्य बना कर कुल्लू से कन्याकुमारी तक अकेले पैदल पदयात्रा पर निकल पड़े। वीरेन्द्र 26 अप्रैल 2021 को डोभी से पैदल पदयात्रा का शुआरम्भ किया। अंग्रेजी व हिंदी भाषा जानने वाले वीरेंदर ने बताया कि इस पद यात्रा का मकसद अधिक से अधिक पैदल चलने और वाहनों का कम से कम प्रयोग करने की ओर लोगों को प्रेरित करना है जिससे वाहनों से निकलने वाले धुंए से पर्यावरण दुषित न हो तथा अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, बोले जाने वाली भाषा, प्राकृतिक व भौगोलिक स्थिति को जानना, समझाना और देखना मेरा सपना रहां है। वीरेन्द्र ने यह पदयात्रा हिमाचल प्रदेश से आरम्भ करके पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र होते हुुए केरल राज्य के जिला मुख्यालय कसरगोड़ में पहुंचे। लॉकडाउन केे कारण कासरगोड में पदयात्रा स्थगित करनी पड़ी। वीरेन्द्र ने 2800 किलोमीटर का सफर 43 दिनों मे तय किया। हर रोज सुबह चार बजे अपनी यात्रा शुरू करके प्रतिदिन कम से कम 60 किलोमीटर पदयात्रा करके अपना पड़ाव किसी पेट्रोल पम्प या कोई स्थान देखकर अपना टेंट लगाकर रात गुजारता सुबह फिर अपनी मंजिल की ओर रवाना हो जाता। पदया़त्रा के दौरान कई कठिनाईयों से भी गुजरना पड़ा परन्तु वह अपनी मंजिल की तरफ हिम्मत से बढ़ता रहा। वीरेंद्र ने बताया कि तेज धूप और गर्मी व वर्षा से बचने के लिए हाथ में छाता लेकर चलना पड़ता। यात्रा के दौरान वहां के गांवो के लोगों का सहयोग भी मिलता रहा। सुबह का नास्ता, दोपहर व शाम खाना ढाबे पर कर लेतां। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की वजह से ठहरने की बड़ी समस्या से गुजारना पड़ा साथ मे भूखे भी रहना पड़ा। जब खाने के लिए कुछ नहीं मिला तो बैग में बिस्कुट पड़े थे तीन दिन बिस्कुट खाकर व पानी पीकर गुजारने पड़े। यह मेरे लिए बहुत ही कठिन दौर था तथा मुझे अपने आप को जिंदा रखना बड़ी चुनौतीपूर्ण था। पदयात्रा के दौरान गुजरने वाले राज्यों मे अच्छे-बुरे सभी प्रकार के लोगों से मिलना हुआ। जब राजस्थान पहुंचा तो इस दौरान एक मोटरसाइकिल सवार ने मेरा मोबाइल छीनने की कोशिश की लेकिन मैंने मोबाइल जोर से पकड़ रखा था जिस कारण वह मोबाइल नहीं छीन पाए। इसके साथ राजस्थान में कई किलोमीटर चलने पर गांव आता तब कहीं खाने व पीने को पानी मिलता वैसे ही कर्नाटक राज्य के गांव बहुत ही दूर दूर है और रास्ता जंगल भरा है इस दौरान उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा और अपना तंबू डाल कर रात को जंगल में ही ठहरना पड़ा। जहां मुझे जंगली जानवरों का खतरा लगा रहता था आखिर में यह तमाम बाधाएं पार कर अपना सफर पूरा कर के मंजिल हासिल की। वीरेन्द्र ठाकुर जिला कसरगोड़ केरल से वापस कुल्लू तक आने के लिए साइकिल के माध्यम आरम्भ की। दस दिन साइकिल में एक हजार किलोमीटर चलने के बाद केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र में मॉनसून शुरू होने से भारी बरसात होने के कारण यात्रा स्थगित करना पडी। लिहाजा शुक्रवार 18 जून 2021 वीरेन्द्र ठाकुर कुल्लू पहुंचा। वीरेन्द्र के कुल्लू पहुंचन पर शहर, गांव व परिवार के लोगों ने भव्य स्वागत किया। वीरेंद्र का कहना है कि वह अपनी यात्रा फिर से नई सोच लेकर देश की जनता के लिए नया सन्देश लेकर जल्दी ही शुरू करेगें। युवाओं व सभी के लिए अपने संदेश में कहना चाहते है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएं। पर्यावरण स्वच्छ है तो हम स्वस्थ है। वाहनों का प्रयोग अति जरुरी कार्य आने पर ही करें। पैदल चले स्वस्थ रहें। वीरेंद्र का कुल्लू पहुंचने पर उसके परिवार वालो व प्रदेश कांग्रेस के सचिव भुवनेश्वर गौड़ ने स्वागत किया। जिला परिषद् अध्यक्ष पंकज परमार, उपाध्यक्ष बीर सिंह, पंचायत प्रतिनिधि व गांववासी उर्पिस्थत रहे जबकि मनाली में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने वीरेन्द्र ठाकुर को शाल व टोपी पहना कर सम्मानित किया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए यह बेहद प्रेरणादायक है तथा प्रदेश को ऐसे होनहार युवा पर गर्व है।

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