सुरभि न्यूज़ चंबा। परियोजना निदेशक आत्मा डॉक्टर दिनेश कुमार ठाकुर ने बताया कि राज्य परियोजना कार्यान्वयन ईकाई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय वेबिनार का शिमला से आयोजन किया गया। वेबिनार का शुभारम्भ मुख्य मन्त्री जय राम ठाकुर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ0 राजीव कुमार व माननीय कृषि मन्त्री वीरेन्द्र कवंर भी मौजूद रहे। पदम श्री सुभाष पालेकर इस वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। परियोजना निदेशक आतमा ने बताया कि इस कार्यक्रम में जिला चम्बा की 247 पंचायतों के 4911 नये किसानों को प्रत्येक पचांयत में चयनित रिर्सोस कृषक द्वारा वर्चुअल रूप से अधिकतम 20 कृषक प्रति पचांयत से कोविड़-19 के नियमों का पालन करते हुए जोड़ा गया। इस राष्ट्रीय बेविनार में विकास खण्ड़ चम्बा की 40 पंचायतों के 800 किसान, खण्ड भटियात की 66 पंचायतों के 1320 कृषक, खण्ड मैहला की 41 पंचायतों के 820 कृषक, खण्ड सलूनी की 43 पंचायतों के 860 कृषक, खण्ड तीसा की 38 पंचायतों के 741 कृषक और खण्ड भरमौर की 19 पंचायतों के 370 कृषकों ने प्रशिक्षण लिया। परियोजना निदेशक आतमा डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने बताया कि प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत जिला चम्बा में आजतक 11295 किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है |जिसमें से 10101 किसान प्राकृतिक विधि से 935 हैक्टेयर भूमि में खेती कर रहे है। इस राष्ट्रीय वेबिनार में पदम श्री सुभाष पालेकर ने किसानों को ज़हरमुक्त खेती के मानव जीवन पर दुष्प्रभाव, जल पर्यावरण, जीव व मिट्टी को हो रहे नुकसान बारे जानकरी दी। उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती देशी गाय पर आधारित है। इस अवसर पर पदम श्री सुभाष पालेकर ने किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व, आवश्यकता, सिद्धान्त, तकनीक और, देशी गाय के गोमूत्र व गोबर से निर्मित घटकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।वेबीनार के माध्यम से जुड़े किसानों को उन्होने बताया कि यह खेती वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है। इससे किसी भी प्रकार के उर्वरकों, रसायनों, जैविक खाद, गोबर की खाद इत्यादि का बिलकुल प्रयोग नहीं किया जाता है। अपितु देशी गाय के गोबर व गोमूत्र से इसकी खेती की जाती है। उन्होने यह भी बताया कि शु़द्ध पौष्टिक व पोषणयुक्त भोजन शुद्ध जल व वायु मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है। इसके लिए नितांत आवश्यक है कि सभी किसान प्राकृतिक विधि से खेती करें। ऐसा करने से जहां हम सब जमीन पर्यावरण व जीव को सुरक्षित और संरक्षित करने से सहायक होगें वही फसल उत्पादन में सतत बढोतरी, उत्पादन लागत को घटाकर आय में वृद्धि कर सकते है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित पौष्टिक, पोषण युक्त फल व सब्जियों का स्वंय सेवन कर व बाजार में उपलब्ध करवा कर समाज व मानवता की बडी सेवा कर सकते है। वेबीनार के माध्यम से मुख्य मन्त्री के प्रधान सचिव श्री जगदीश चंन्द्र शर्मा आई.ए.एस जो कि एक किसान भी है और पिछले 3 वर्षों से प्राकृतिक विधि से सेब की खेती कर रहे है उन्होनें अपना अनुभव किसानों के साथ सांझा किया। वेबीनार के माध्यम से जिला कृषि विभाग क अन्य अधिकारी भी जुड़े रहे।
2021-06-30