सीमा सड़क संगठन बनाएगा अब श्रींकुला दर्रे में सवा चार किलोमीटर की सुरंग-मुख्य अभियंता

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सुरभि न्यूज़ केलांग। विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के बाद अब एक ओर कीर्तिमान सीमा सड़क संगठन रचेगा। दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग पन्द्रह हजार फुट की ऊंचाई में अब श्रृंकुला दर्रे में बनेगी जो सवा चार किलोमीटर लंबी होगी तथा इसके बन जाने से जहां मनाली से लेह की दूरी 104 किलोमीटर घटेगी वहीं दर्रे का सफर डेढ घण्टे कम होगा। यह जानकारी बीआरओ के अटल टनल रोहतांग के मुख्य अभियंता इंजीनियर वी के सिंह ने दी है। उन्होंने कहा है कि यह सुरंग तीन वर्षों में बन कर तैयार होगी। आगे जानकारी देते हुए कहा कि जो अटल टनल का मुख्यालय धुंधी में है वह अब लाहुल के जिस्पा में बीआरओ के 70 आरसीसी के डेट के बगल में ही खुलेगा, जिसके लिए जगह चिन्हित हो गई है। कुछ ही दिनों में धुंधी की भांति अस्थाई शेड बनने का कार्य शुरू होगा और अक्तूबर माह तक कार्यलय जिस्पा शिफ्ट हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि बरालचला 14 किलोमीटर, तंगलंगला 8 किलोमीटर तथा लाचुंगला 12 किलोमीटर सुरंगों का डीपीआर भी प्रगति पर है जिसे बीआरओ के इसी परियोजना की देखरेख में बनाया जाएगा। मुख्य अभियंता ने कहा कि सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इन सुरंगों के बन जाने से जहां राष्ट्र की सरहदों में सेना की सहूलियतें बहुत बढ़ेगी वहीं लाहुल, जांस्कर तथा लेह लदाख की नैसर्गिक सुंदरता का दीदार भी देश विदेश के प्रकृति प्रेमी बहुत आनन्द विभोर हो कर करेंगे। लाहुल स्पिति के समाज सेवी रिगजिन ह्यरपा का कहना है कि लदाख के सांसद जमयंग छेरिंग नामग्याल ने इन प्रस्तावित सुरंगों के निर्माण करवाने में पूरी पूरी गति प्रदान की है तथा जांस्कर के मांझी कहे जाने वाले मेमे छुंजोर जिन्हें इस रूट में अपने संसाधनों से सड़क बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पद्मश्री सम्मान से विभूषित करने का एलान किया है। उनका स्वप्न भी पूरा होगा। उधर उदयपुर से आम आदमी पार्टी के नेता इंजीनियर हीराम गौड़ ने कहा है कि इन सुरंगों के बन जाने से लेह लदाख सड़क मार्ग से 12 महीनों जुड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि बीआरओ के नेतृत्व में हर कठिन तथा चुनौती पूर्ण कार्य सुगमता से हो जाते हैं।

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