सुरभि न्यूज़ कुल्लू। शिक्षा कला भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हमारी संस्कृति मान्यताएं व देव परंपराएं बहुत समृद्ध हैं। यहां का जन-जन देव परंपराओं का सम्मान करता है। हिमाचल प्रदेश हजारों देवी देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। बहुत सारे देवी देवताओं का उद्भव हिमाचल प्रदेश की इस पावन भूमि पर हुआ माना जाता है। गोविंद ठाकुर आज अटल सदन कुल्लू में जिला देवी देवता कारदार संघों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गोविंद ठाकुर ने कहा कि देव संस्कृति परंपराओं पर अनेक प्रकार के शोध विद्वानों ने किए हैं लेकिन यह विषय इतना गूढ़ और गंभीर है कि इस पर बहुत ज्यादा अध्ययन करने की आवश्यकता है। इसी के दृष्टिगत उन्होंने कहा कि कुल्लू में देव संस्कृति शोध संस्थान की स्थापना की जाएगी। गोविंद ठाकुर ने कहा कि कुल्लू जिला में धार्मिक पर्यटन की काफी संभावना है देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशी सैलानी भी यहां की देव संस्कृति से प्रभावित होकर देवी देवताओं को देखने तथा इनके बारे में जानने की उत्सुकता रखते हैं। उन्होंने कहा देव परंपराओं और देव संस्कृति को जीवित रखने में कार दार देवलू और देव कार्य से जुड़े तमाम सभी लोगों का बहुत सराहनीय योगदान है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार लोगों की धार्मिक आस्थाओं धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करती है और धार्मिक परिसरों के लिए सहायता राशि प्रदान करती है। भाषा और संस्कृति मंत्री ने कहा कि जिला के अनेक देवी.देवताओं के नाम से जो भूमि है उसका संरक्षण किया जाना चाहिए और कार दार संघ की मांग पर देवी देवताओं के नाम पर भूमि करने के लिए इसकी निशानदेही करवाई जाएगी। इसके लिए मंत्री ने राजस्व विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में 254 देवी देवता पंजीकृत है और अनेक ऐसे देवी देवता है जो दशहरा महोत्सव में भाग नहीं लेते हैं इनके नाम भी मंदिरों के आसपास की भूमि की निशानदेही करवाई जानी चाहिए। गोविंद ठाकुर ने देव समाज से आग्रह किया कि वह मंदिर परिसरों के आसपास देवी देवताओं के नाम जो भूमि है उस पर वन विभाग के साथ मिलकर ऐसे पेड़ लगाएं जो देव कार्य में प्रयोग किए जाते हैं। उन्होंने कहा चिंगु व चिनार जैसे पेड़ों को बड़ी संख्या में देवालय के आसपास लगाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने कार दार संघ तथा वन विभाग की एक बैठक तुरंत से बुलाने को कहा। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे पौधों की उपलब्धता नर्सरियों में होनी चाहिए जो देवालयों के आसपास लगाया जा सके। उन्होंने कहा देवी देवता के नाम से जो पेड़ लगाए जाते हैं वह अच्छे से फलते फूलते और संरक्षित रहते हैं क्योंकि लोग ऐसे जंगलों को नहीं काटते हैं। गोविंद ठाकुर ने कहा कि ढालपुर मैदान 162 बीघा है और यह देव समागम का प्राचीन काल से स्थल रहा है। ढालपुर मैदान कुल्लू की शान हैए यहां की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इस मैदान पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए इसके लिए उन्होंने उपायुक्त को कहा कि ढालपुर मैदान की अस्मिता को हर हालत में बचा कर रखना होगा। बैठक में अवगत करवाया गया कि 1984 में कार दार संघ की स्थापना हुई थी और वर्तमान में जिला में 473 कार दार हैं। संघ का एक कार्यकाल 3 साल का होता है। गेविंद ठाकुर ने कहा कि आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत जिला कुल्लू के 122 मंदिरों को लाभान्वित किया गया जिनमें सराय निर्माण के लिए 7 मंदिरों को सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार मंदिर जीर्णोद्धार योजना के तहत वर्ष 2017 से 2021 तक जिला कुल्लू के मंदिरों को 2 करोड़ का सहायता अनुदान दिया गया। जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने अवगत करवाया की वर्ष 2016 में जिला में साढ़े 47 लाख की नजराना राशि देवी देवताओं को प्रदान कीए 2017 में 6ः बढ़ोतरी की गई और 51 लाख की राशिए 2018 में 5ः बढ़ोतरी के साथ 57 लाख की राशि वितरित की गई। इसी प्रकार बजंतरियों को लगभग 30 लाख का मानदेय प्रदान किया गया। शिमला से वर्चुअल माध्यम से जुड़े भाषा संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ पंकज ललित ने प्रदेश में देवी.देवताओं को प्रदान की जाने वाली रिवाल्विंग फंड तथा अन्य सहायता राशि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुल्लू में और अधिक मंदिरों के नाम सहायता राशि प्रदान की जा सकती है इसके लिए मामला जिला भाषा अधिकारी के माध्यम से निदेशालय को भेजा जाए। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने भी बैठक में अनेक मुद्दों पर चर्चा करते हुए आवश्यक सुझाव दिए। कुल्लू जिला कार दार संघ के अध्यक्ष जयचंद ठाकुर ने स्वागत किया और कहा कि कार दार संघ देव संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय समिति में 13 सदस्य सूची अनुसार सदस्य नियुक्त हो तथा बैठकों में लिए गए निर्णय के अनुसार समिति के स्थाई सचिव कार दार संघ से हो। उन्होंने कहा कि ढालपुर मैदान में देवी देवताओं के बैठने के लिए भूमिगत पीतल की प्लेट लगाकर देवी देवताओं की जगह को चिन्हित किया जाए इसका नक्शा पहले ही तैयार किया गया है। इससे पूर्व कार दार संघ के महासचिव नारायण सिंह ने स्वागत किया। बैठक में जिला के विभिन्न भागों के कार दार उपस्थित रहे।
2021-08-07