सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। देवियों की देवी माँ पार्वती का रूप माता बढ़धारणी सच – झूठ का फैसला सुनाने वाली है। कांगड़ा जिला के छोटाभंगाल घाटी की स्वाड पंचायत के छेरना गाँव के ऊपर लगभग 8000 फूट की ऊँचाई पर माता बढधारणी विराजमान है। छोटाभंगाल घाटी के ही नहीं बल्कि मंडी व कुल्लू जिलों सहित दूरदराज के क्षेत्रों के श्रद्धालु भी माता के दरबार में आकर पूजा-अर्चना करते हैं तथा कई प्रकार की मन्नतें माँगते हैं। मान्यता है कि सच-झूठ का फैसला सुनाने वाली यह बढधारनी माता उनकी मांगों को भी पूरा कर देती है। कोर्ट–कचेहरी, पंचायतों या फिर गाँवों के मुख्य लोगों से किसी भी प्रकार के झगडे आसानी से न निपटे तो झगडा करने वाले दोनों पक्षों को इकरारनामा में निर्धारित समय अवधि के अंदर माता बढ़धारणी किसी भी प्रकार का कठोर दंड देकर झूठे पक्ष को आम लोगों के सामने झूठा साबित कर देती है। दोनों पक्षों को फैसला सुनने से पहले व बाद में माता के दरबार मे बलि देना भी अनिवार्य होता है। अगर माता द्वारा झूठा साबित करने पर भी झूठा पक्ष नहीं मानता है तो माता उसे और भी भंयकर दंड देने से भी कदापि पीछे नहीं हटती है। इस पर उस परिवार के सदस्यों को बार–बार माता के दरबार के आकर नाक रगड़ कर माफी मांगनी पड़ती है। तब जाकर ही माता अपने दिए हुए दंड को वापिस लेकर सुख शांति का संदेश देती है। कई लोग आज भी माता के दरबार में जाकर कर सच-झूठ के फैसले का इन्तजार करते हैं। माता के पुजारी नारायण सिंह का कहना है कि माता मंदिर के अंदर नहीं रहना चाहती है। माता खुले आसमान तले ही विराज़मान है। उन्होंने बताया कि माता बढ़धारणी की ख्याति दूरदराज के क्षेत्रो तक अर्जित है। लेकिन इसके बावजूद भी न तो मंदिर कमेटी का गठन हो पाया है और न ही सरकार द्वारा इस मंदिर को पंजीकृत किया गया है। जिस कारण मंदिर का जीर्णोद्वार भी नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस मंदिर की ओर ध्यान देती है तो प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी माता बढ़धारणी का मन्दिर शतप्रतिशत प्रसिद्ध हो जाएगा।
2021-08-15