सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। प्रदेश के जिला मंडी व कांगड़ा में रहने वाले वाले गद्दी सामुदाय के लोगों का खेतीबाड़ी करने के साथ-साथ भेड़-बकरी पालन प्रमुख व्यवसाय ही सदियों से चला आ रहा है। भेड़ व बकरी पालन से जुड़े गद्दी सामुदाय के लोग मौसम के बदलने अनुसार ही अपना व अपनी भेड़ बकरियों की सेहत का पूरा ध्यान रखने के लिए अपने स्थान भी बदल देना उचित समझते है। ताकि उनकी भेड़ बकरियां यानी धण को अनुकूल वातावरण मिल सके। प्रदेश में सर्दियों की दस्तक होने के साथ ही न केवल चौहार तथा छोटा-बड़ा भंगाल घाटी बल्कि प्रदेश के दूर दराज़ के गद्दी सामुदाय के लोग अब अपनी-अपनी भेड़ बकरियों के साथ ऊंचे क्षेत्रों से पलायन कर प्रदेश के नीचले व मैदानी इलाकों मे स्थित अपनी चारागाहों का रुख करने लग पड़े हैं। चौहार तथा छोटाभंगाल घाटी के भेड़ पालकों बंगलू राम, राजिन्द्र कुमार तथा बीड़–गुनेहड़ गाँव से सम्बन्ध रखने वाले जितेन्द्र कुमार व जला राम ने भी अपनी भेड़ बकरियों के साथ जिला कांगड़ा दुर्गम घाटी बड़ा भंगाल मे स्थित अपनी चारागाहों से गर्मी का सीजन काटने के बाद मैदानी इलाके में स्थित नालागढ, परमाणू स्वारघाट आदि स्थानों की ओर रूख कर लिया है। गद्दी सामुदाय से जुड़े भेड़ पालकों का यह प्रवास वर्ष भर इसी तरह ही ज़ारी रहता है। सर्दियों के मौसम में वे प्रदेश के नीचले क्षेत्रों में तथा गर्मियों में प्रदेश की ऊंचाई वाले लाहुल, बड़ा भंगाल जैसे स्थानों की ओर अपनी–अपनी भेड़ बकरियों के साथ रूख कर लेते हैं।
2021-11-05