ऊहल नदी में बरोट-मुल्थान पुल पर ठेकेदार ने रोका निर्माण कार्य

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सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के समस्त लोगों की बेहतर सुविधा के लिए वर्ष 1995 में ऊहल नदी में आई भयंकर बाढ़ के कारण ऊहल नदी में सदियों पुराना बना लकड़ी का बरोट-मुल्थान पुल बह जाने के बाद गत वर्ष से सरकार ने इस पुल के पुनर्निर्माण के 75 लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत करवा कर दी है। जिसका कार्य लोक निर्माण विभाग ने एक ठेकेदार को दे रखा है। गोर रहे कि ठेकेदार द्वारा लगभग तीन माह पूर्व ही इसका लगभग 90 प्रतिशत निर्माण कार्य कर दिया गया है तथा शेष बचे कार्य को करने के लिए ठेकदार ने स्वयं ही बंद कर रखा है जिस कारण ठेकेदार द्वारा कार्य स्थल पर कार्य न होने के चलते उनके द्वारा लगाए गए बाहरी क्षेत्रों के मज़दूर भी भारी परेशानी में पड़ गए हैं वहीं इस पुल का जल्द ही पूर्ण कार्य न होने के कारण चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के लोगों का लोक निर्माण विभाग तथा ठेकेदार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। बरोट पंचायत के प्रधान डाक्टर रमेश, पूर्व बीडीसी सदस्य कमलेश नेगी, मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश, पूर्व बीडीसी सदस्य हेम राज सहित मंगत राम, अमी चंद, अमरनाथ, कर्म चंद, वृज लाल व रत्तन चंद स्थानीय लोगों ने सरकार तथा लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि बरोट–मुल्थान पुल का मात्र 10 प्रतिशत शेष रहे निर्माण कार्य को भी तुरंत पूर्ण कर स्थानीय लोगों को जल्द ही समर्पित किया जाये। इस बारे में ठेकेदार सुनील सैनी का कहना है कि उन्होंने इस पुल का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण तो कर दिया गया है। उनका कहना है कि अब तक इस पुल का जितना भी कार्य हो गया है उसमें से कुछ प्रतिशत कार्य की लोकनिर्माण विभाग राशि कि अदायगी करने में आनाकानी ही करवा रहा है। राशि की कमी खलने के कारण उन्हें कार्य पूर्ण करने के लिए उन्हें मजबूरन ही बंद रखना पड़ रहा है। अगर विभाग उनकी कमाई की राशि का भुगतान जितना जल्दी कर देता है तो वे इस पुल के कार्य को उतना जल्दी पूर्ण करने मे सक्षम हो जाएंगे। वहीँ इस बारे में लोक निर्माण विभाग के सवडिविज़न झटिंगरी के कनिष्ठ अभियंता भगत सिंह यादव का कहना है कि ठेकेदार की कमाई को रोकने वाली कोई ऐसी बात नहीं है ठेकेदार द्वारा अबतक जितना भी कार्य किया गया है उसमें से शेष रहे कुछ कार्य का बिल बना दिया गया है वह राशि भी बहुत जल्द ही ठेकेदार के खाते में डाल दी जाएगी और बाकी शेष रही धनराशि का कार्य पूर्ण कर देने के तुरंत बाद ही पूरी राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

 

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