पुनर्जीवित करने की जरूरत है पत्तलों में धाम खाने  की परंपरा

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सुरभि न्यूज़ मंडी। हिमाचल प्रदेश में शादी-विवाहों व अन्य किसी भी आयोजनों में गावों में परपंरा के अनुसार खाना खाने में टोर के पत्तों से बनी पतलों, डोने तथा खावों का इस्तेमाल किया जाता था। परन्तु आजकल इन आयोजनों में बाजार में रेडीमेट डिस्पोजल थालियां, डोने व गिलास बीना भाग दौड़ किए आसानी से मिल जोते है। जो धाम खाने का आंनद हाथ से बनी पत्तलो में है वह डिस्पोजल में नहीं है। डिस्पोजल में खाना खाना सेहत के लिए हानिकारक तो है हि साथ में इससे प्रदूषण भी फैलता है। जिला मण्डी के मुख्य बाजार के गांधी चौक चौहट्टा बाजार के सामने पीपल पेड़ के छांव तले ताजा पत्तल, डोने व खावों को बेचने स्थानीय लोग बैठे होते है। करोना की मार से इन लोगों का दो सालों से यह धंधा बंद हो चुका था जो इनकी रोजी रोटी थी।

अब जब करोना की मार थोड़ी थमी तो कुछ रोजगार अब चलने लगा है। पत्तल बेचने वाले जिला मण्डी के पण्डोह की घ्राण पंचायत के राजू, बलदेव, तीलक राज तथा मान सिंह इन सबका का परिवार इसी पत्तल बेचने से चलता है। राजू का कहना है कि यह हमारा रोजगार पूरखों से पांच पिढ़ियो से चला आ रहा हे। हम इसी रोजगार पर निर्भर है। आधुनिकता कि दौड़ में सब कुछ बाजार में मिल जाने से हमारा यह रोजगार कम होता जा रहा है ऊपर से करोना काल में हमारा रोजगार बिलकुल समाप्त हो गया था परन्तु अब आयोजन शुरू हो जाने से धीरे-धीरे रोजगार चलने लगा है। राजू बताते है कि खुशी इस बात यह है कि हम सभी अपनी संस्कृति को सहेजने में आतुर हैं व अपनी परंपराओं का आज भी सम्मान करते हैं। आधुनिकता व चकाचौंध में कभी कभी कुछ भटक भी जाते हैं। मगर भूला अगर वापिस आ जाए तो उसे भूला नहीं मानते।

करोना के बाद अब हमारे पत्तल, डोने बनाने वाले भाई व उनके परिवार का रोजगार अब चलने लग गया है। यह लोग सभी से आग्रह करते है कि प्रकृति को प्रदुषण से बचाने तथा सेहत सही रखने के लिए हाथ से निर्मित शुद्ध पत्तलों का इस्तेमाल करें। अपने इस रोजगार के लिए हमें रोशनी की नई किरण दिखी है। मुझे उम्मीद है हमें नाउम्मीद नहीं होने देंगे। राजू का कहना है कि एक दिन में हम पत्तल व खाबे 150/ तथा डोने 100/ सैंकड़ा कि दर से बेच कर सात सौ तक प्रति ब्यक्ति कमा लेते हैं। जो भी लोग अपने आयोजनों में पत्तल खरीदना चाहते है वह राजू-98164 25235, बलदेव-78070 82705, तिलक राज-98166 27328 व मान सिंह जी-88940 85109 से संपर्क कर सकते हैं। करोना महामारी के बाद हमारी रोजी रोटी चलाने में जो भरोसा आप सबने हमें दिलाया है वो कायम रहेगा तथा हमारे पत्तल, डोने बनाने वाले भाई व उनके परिवार आप सबका स्नेह पाकर बहुत खुश हैं । अकसर हम ब्रेंडिड चीजें बिना गुणवता जाने व बिना मोल भाव के खरीद लेते हैं। हमें  सबसे पहले बिना मोलभाव किये अपनी परंपरा को महत्व देना चाहिए। हमें भूलना नहीं चाहिए कि परंपरा, पर्यावरण, रोजगार, परिवार व् पशुधन इन सबका संरक्षण हमारा ही दायित्व है।

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