कुल्लू अस्ताल को मिला 500 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट

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सुुरभि न्यूज़ कुुल्लू।
अस्पताल कुल्लू में आवश्यक सुविधाओं का तेजी के साथ सृजन किया जा रहा है। बीते तीन सालों के दौरान अस्पताल को कई स्तरों पर अपग्रेड किया गया है। नये भवनों के निर्माण की बात हो, विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं की या फिर पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती हो, सभी क्षेत्रों को मजबूती प्रदान की गई है। यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज क्षेत्रीय अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल व जनता को समर्पित करने के उपरांत कही।गोविंद ठाकुर ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल के एमसीएच विंग यानि मातृ एवं शिशु अस्पताल के लिये एसोचैम द्वारा यह प्लांट दान कर इसे रिकार्ड समय में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि 14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 बिस्तरों के एमसीएच विंग को यह प्लांट पूरी तरह से सक्षम है और इस प्लांट के शुरू होने  से अब ऑक्सीजन सिलिण्डरों की कम आवश्यकता रहेगी। उन्होंने कहा कि एमसीएच में एनआईसीयू, पीआईसीयू, लेबर रूम, गायनी वार्ड तथा पोस्ट आप्रेटिव वार्ड होंगे। 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का यह प्लांट अण्डोर रोगियों को चौबीस घण्टे ऑक्सीजन की आपूति प्रदान करेगा जिसमें प्रसव के उपरांत सीजेरियन मां, गंभीर नवजात और बाल रोगी शामिल हैं। इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए एक निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति महत्वपूर्ण है, इसके दृष्टिगत एमसीएच विंग किस तरह से रोगियां का उपचार करने जा रहा है। मंत्री को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र ने अवगत करवाया कि पीएसए संयंत्र विशेष रूप से 250 किलोवाट जनरेटर द्वारा किसी भी बिजली आउटेज को बफर करने के लिए समर्थित है। इसके साथ ही अस्पताल द्वारा किसी अतिरिक्त आवश्यकता के मामले में संयंत्र क्षेत्रीय अस्पताल के अन्य वार्डों को भी आक्सीजन प्रदान कर सकता है। यह संयंत्र ऑक्सीजन सिलेण्डरों की आवश्यकता को भी कम करेगा और उन सिलिण्डरों के परिवहन की रसद संबंधी बाधाओं को दूर करेगा। सिलेण्डरों पर होने वाले खर्च में भी कटौती होगी। पीएसए प्लांट अनेक लोगों की जान बचाने में काफी मददगार साबित होगा। गोविंद ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल कोरोना महामारी के संकट के बीच गुजरे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना से निपटने के सुव्यवस्थित प्रबंधन किया जिसका परिणाम प्रदेशवासियों के समक्ष है। प्रदेश में कहीं पर भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी और कोई कोविड मरीज ऐसा नहीं था जिसे अस्पताल में बिस्तर न मिला हो। वैक्सीन की पहली डोज का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाला भी हिमाचल ही देश का पहला राज्य बना। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्रदेश के लिये आक्सीजन का कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन करवाया। कोविड से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग में 3000 नये पैरा मैडिकल स्टाफ की नियुक्तियां की।

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