सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती) गुशैनी बंजार। हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा जहर मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे है और दूरदराज क्षेत्र के लोगों को शून्य लागत खेती के साथ जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में आज कृषि विभाग बंजार द्वारा ग्राम पंचायत तुंग के दूरदराज गांव नाइनी में एक दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत तुंग के गांव नाईनी, नगढार और तुंग के किसानों ने भाग लिया। इस दौरान महिलाओ में काफी उत्साह देखने को मिला है सभी उपस्थित महिलाओ ने बड़े चाव से देसी गाय आधारित शुन्य लागत प्राकृतिक खेती का तरीका बारीकी से समझा है। इस कार्याशाला में कृषि विभाग बंजार से आए अधिकारीयों और प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनरों द्वारा किसानों को बताया गया कि इस खेती पद्धति से फसलों को उगाने में किसी भी प्रकार की रासायनिक खादों और कीटनाशकों इत्यादि के प्रयोग नहीं किया जाता है। इसमें बिना किसी रसायन के देसी गाय आधारित गोबर और गोमूत्र से सफल एवं सतत खेती कर किसान जहर मुक्त खाद्यान का उत्पादन कर सकते है।
प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर दौलत भारती ने बताया कि किसानों को देसी गाय आधारित कृषि के गुर बारीकी से सिखाए व समझाए गये है। इन्होंने कहा कि इस पद्धति से बहुत ही कम समय में शून्य लागत से खेती करके अपने परिवार की आर्थिकी को बढ़ा सकते है। कृषि विभाग से आए अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए कोई भी संसाधन बाजार से नही खरीदना पड़ता है इसके लिए मात्र देसी गाय का होना जरुरी है। देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से ही इस खेती के सभी संसाधन तैयार किए जाते है। इस दौरान मास्टर ट्रेनर द्वारा कार्याशाला में उपस्थित लोगों को बीजामृत, दशपर्णी अर्क, घनजीबमृत आदि को बनाने की बिधि भी बताई गई। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आत्मा जिला कुल्लू डॉक्टर विजय लाम्बा, खण्ड प्रबन्धक आत्मा पुष्पराज , खण्ड तकनीकी आत्मा यादविंदर कुमार, मास्टर ट्रेनर दौलत भारती और प्रगतिशील किसान टेढ़ी सिंह नेगी आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।