सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। जितने वाले विधायकों, सांसदों तथा मंत्रियों को मासिक वेतन तो मिलता ही है मगर उसके बाद भी सरकार द्वारा लाखों की मासिक पेंशन भी दी जाती है। चौहार घाटी के सामजसेवक प्रकाश चंद ने सरकार के प्रति रोष प्रकट करते कहा कि जिस तरह कर्मचारियों कि पेंशन बंद कर दी है उसी तरह विधायकों, सांसदों तथा मंत्रियों कि पेंशन भी तत्काल बंद कर दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनके जायज़ हक को दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2003 के बाद कर्मचारियों की पेंशन को बंद कर दिया गया है मगर जनता द्वारा मात्र पांच वर्ष तक चुने जाने वाले विधायकों, सांसदों तथा मंत्रियों को वेतन तो दीया जाता है साथ में उनके सारी उम्र तक पेंशन भी दी जाती जो कि सरासर अन्याय है। प्रकाश चंद ने सतारूढ़ व विपक्ष पर आरोप लगाया कि लोकसभा सत्र व विधानसभा सत्र के दौरान अपने वेतन व भत्ते बढ़ाने लिए एक मत होने के लिए ज़रा भी नहीं हिचकचाते हैं। पक्ष और विपक्ष द्वारा कर्मचारियों के प्रति ज़रा भी ध्यान नहीं दिया गया कि जब देश में कर्मचारी 58 से 60 वर्षों तक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देने के बाद खली हाथ घर भेज दिया जाता है और विधायक, सांसद तथा मंत्री मात्र पांच वर्ष सत्ता पर रहने से पेंशन का हक़दार बन जाता है यह तो सरासर अन्याय है। वर्ष 2003 के बाद देश व प्रदेश में कई सरकारे आई व चली गई मगर किसी भी सरकार ने कर्मचारियों के हित की बात ही नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि मात्र एक बार जीतने के बाद राजनेता गरीब लोगों के पैसे पर किस प्रकार लाखों की पेंशन के हकदार बन रहे हैं। अगर इन नेताओं को पेन्शन दे रहे है तो 2003 के बाद के कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाए। सरकार द्वारा कर्मचारियों के प्रति किया जा रहा सौतेला व्यवहार समाप्त होना चाहिए या फिर इन नेताओं कि पेन्शन भी बंद कर देनी चाहिए।
2021-12-31