14 जनवरी शुक्रवार को माघ मकर संक्रान्ति

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मदन गुप्ता सपाटू

ज्योतिर्विद्, 98156 19620

सुरभि न्यूज़ चंडीगढ़। 14 जनवरी शुक्रवार को मकर संक्रांति है। इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। 14 जनवरी को सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में लगभग 1 माह के लिए आते हैं। इस बार मकर संक्रांति की शुरूआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है जो कि शाम को 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र को शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में स्नान दान और पूजन करना शुभफलदायी होता है। इसके साथ ही इस दिन ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है जो कि भी अनंत फलदायी माना जाता है।मकर संक्रांति के दिन से शुभ कार्यों जैसे विवाह मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश जैसे कार्य आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति से ही देवता का दिन 6 माह के लिए प्रारंभ हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण की अवस्था को देवताओं का दिन कहा जाता है. मकर संक्रांति को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इस नदी पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का महत्व होता है। साल में 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, लेकिन इनमें से मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ उत्तरायण होना शुरू हो जाता है। इसलिए ही इस दिन को उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन से देश में दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं। शीत ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है।

संक्रांति का भविष्य फल
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 14 तारीख से भारत की प्रभावराशि मकर पर सूर्य-बुध-शनि योग होने से केंन्द्रीय तथा कई राज्य मंत्रीमंडलों में विशेष परिवर्तन हो सकते हैं और आगामी चुनावों में अभूतपूर्व दृश्य सामने आएंगे। माध मास में 5 मंगलवार होने के कारण, देश में सत्ता परिवर्तन, आपसी टकराव, साम्प्रदायिक व हिंसक घटनाओं की संभावना है। यही नहीं, किसी प्रमुख नेता, अभिनेता, विशिश्ट व्यक्ति  अपदस्थ या आक्रिूमक मृत्यु के भी योग हैं। इस वर्ष सफेद एवं पीली वस्तुओं के मूल्य बढेंगे। सरकार के प्रति जनता आक्रोश दिखाती रहेगी। किसान आंदोलन अप्रत्यक्ष रुप से लंबा खिंचेगा। जनाक्रोश या कोई भी आन्दोलन हिंसक या संम्प्रदायिक रुप ले सकता है। महामारी के प्रसार में कमी आएगी तथा ,प्रचार और दवा वितरण में वृद्धि होगी। संक्रमण की गति 21 अप्रैल के बाद कम होनी आरंभ हो जाएगी। मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का भी प्रभाव रहेगा।

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