सुरभि न्यूज़ कुल्लू। समाज को नशा मुक्त बनाने के लिये गुंजन संस्थान धर्मशाला ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जरड़ कुल्लू में एक दिवसीय नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । परियोजना निदेशक संदीप मिन्हास ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला में 112 प्रशिक्षुओं एवं प्राध्यपकों ने भाग लिया। कार्यशाला का आरंभ करते हुये खंड स्तोत्र समन्वयक उच्च शिक्षा श्याम लाल हांडा ने कार्यशाला की रूपरेखा एवं उदेष्यों के बारे में बताया। उन्होनें प्रतिभागियों से कहा कि बेहतर समाज निर्माण में इस कार्यशाला का बहुत महत्व है। कार्यशाला में राज्य स्तरीय समन्वयक एंजेसी एवं व्यसनों के लिये एकीकृत पुनर्वास केन्द्र कुल्लू के परियोजना निदेशक संदीप मिन्हास ने नशे से खुद और समाज को कैसे बचा सकते है। आज का युवा धीरे-ंधीरे नशे की गिरफ्त में पड़ता जा रहा हैं। युवा लोग नशे की शुरूआत ज्यादातर अपने दोस्तों के दबाव या प्रभाव में मजे के साथ शुरुआत तो करते है लेकिन धीरे-धीरे वह एक नशे की गंभीर बिमारी के शिकार हो जाते है। ज्यादातर परिजनों को उसकी इस बिमारी का तब पता चलता है जब वह इस बिमारी से गंभीर रूप में ग्रसित हो चुका होता है। उन्होनें प्रतिभागियों को बताया की आपको नशे के लिये पहली बार ही नहीं ‘और ‘नहीं का मतलब नहीं ‘ को अपनाना है उन्होनें प्रतिभागियों से आग्रह किया कि नशे के खिलाफ लड़नें और नौजवानों को इससे बचाने के लिये सामाजिक-सजयाचों का निर्माण व उनमें जागरूकता फैलाने का काम करना चाहिए। कार्यशाला में दिव्या वर्मा परामर्शदाता एकीकृत पुनर्वास केन्द्र कुल्लू ने प्रतिभागियों को सरकार द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्त केन्दो्र में इलाज की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होनें कहा कि नशे की बिमारी का इलाज संभव है अगर व्यक्ति को केन्द्र में लाया जाये तो केन्द्रों में इलाज के लिये दवाईयों और परामर्श का उपयोग किया जाता है। आज प्रदेश में सैंकड़ों लोग अपना इलाज करवाकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे है। डाईट संस्थान के उप प्रधानाचार्य डा. अमित मेहता ने कहा कि नशे की गिरफ्त में शिकार व्यक्ति के परिवार को उचित मार्गदर्शन एवं परामर्श की ज्यादा आवश्यकता है अतः उन्होनें प्रशिक्षण ले रहे छात्रों से कहा कि वह इस बात के महत्व को समझें और सही समय पर सही सलाह का मूल मंत्र अपनायें। कार्यशाला के समापन पर जीत राम लेक्चरर ने सभी प्रतिभागियों एवं संदीप मिन्हास, दिव्या वर्मा, श्याम लाल हान्डा, डा. अमित मेहता, पुष्पा वेद, सुनिता आनंद , शिला शर्मा, डा. राजपाल गुलेरिया, अजीत बोध, शमशेर ठाकुर, सुरेन्द्र कुमार, कविता गुलेरिया व सविता का धन्यवाद किया एवं सभी ने साथ मिलकर नशा न करना और नशामुक्त भारत बनाने के लिये सपथ भी ली।