
सुरभि न्यूज़ चंडीगढ़
चाँद तो रोज ही निकलता है कभी दूज का चांद तो कभी पूनम का चांद और कभी करवा चौथ का चांद। चांद पर कितने ही गाने और शायरी सदियों से चली आ रही है। एक रात में दो दो चांद खिले…….लेकिन चांद आसमां में एक से ज्यादा नहीं खिल सकते। खगोलविद् चांद के अलग अलग अलग नाम जरुर रख देते हैं। किसी को , किसी को ब्लू मून, ब्लड मून यहां तक कि हारवेस्ट मून भी कहते हैं। ज्योतिष तो टिका ही चंद्रमा पर और चंद्र राशियों पर। चंद्र कुंडली जीवन के परिवर्तन दर्शाती है। इसे मन का कारक ग्रह कहा गया है। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जब भी फुल मून, सुपर मून दिखाई देता हेै, गुरुत्वाकर्षण के कारण बड़े तूफान, सुनामी, मौसम में गड़बड़ी या भूकंप जरुर आते हैं। चांद के दीदार के बाद ऐसी खबर भी सुनाई दे सकती है। ज्योतिष के कड़े आलेाचक के अनुसार एस्ट्रोलॉजी ढकोसला है। नील आर्मस्ट्रांग, 21 जुलाई ,1969 को चांद पर झंडा गाड़ आए और अभी भारत में चांद की पूजा की जाती है। व्रत रखे जाते हैं, चंद्र ग्रहण पर मंदिर बंद कर देते हैं, उसे देखते तक नहीं, कुछ खाते पीते तक नहीं, सोचते हैं कलंक चतुर्थी पर चांद देखने से कलंक लग जाता है जब कि चांद पर मानव ने 6 झंडे गाड़े और बुज एल्ड्र्नि पहले सज्जन हैं चांद पर पेशाब तक कर आए हैं। आज जो चांद सौर मंडल में हमें दिखाई देगा वह 5वां और सबसे बड़ा चाँद है। आज यही चांद धरती के सबसे नजदीक होगा और सबसे चमकीला और बड़ा दिखाई देगा। इसे आप सायं 6 बजे से देख सकेंगे। आप आसमान में चांद के सबसे चमकीले रूप का दीदार कर सकेंगे। आज रात चांद का 100 प्रतिशत भाग प्रकाशमान होगा और उसे देखना निश्चित ही रोमांचकारी घटना होगी है। दुनियाभर के खगोलविद भी इस खगोलीय घटना को लेकर काफी उत्साहित हैं।