सुरभि न्यूज़ कुल्लू। जनजातीय भवन भुंतर में लाहौल-स्पिति छात्र एसोसियेशन द्वारा वार्षिक उत्सव शगुन का आयोजन किया गया जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवायात अतुल्य एवं अनुकरणीय हैं। कबाईली लोगों ने आज भी अपनी समृद्ध संस्कृति को सहज कर रखा है। डॉ. मारकण्डा ने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि लाहौल-स्पिति के लोग जिला के बाहर भी अपनी रीति-रिवाजों को नहीं छोड़ते और मिल-जुल कर जनजातीय उत्सवों व अन्य खुशी के अवसरों का विशुद्ध लाहौली संस्कृति के साथ आयोजन करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब संयुक्त परिवार की परम्परा समाप्त हो रही है, इसके बीच जनजातीय लोगों ने इस परम्परा को बनाकर रखा है। जनजातीय संस्कृति में बुजुर्गों का सम्मान सर्वोपरी माना जाता है। घर में सबसे पहले भोजन घर के मुखिया को परोसा जाता है। घर के बुजुर्ग की हर इच्छा का ध्यान रखा जाता है। यह अपने आप में अद्भुत है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वह पढ़ाई अथवा काम-धन्धे के लिये देश-प्रदेश के किसी भी भाग में रहें, लेकिन अपनी जड़ों का कभी विस्मरण न करें, किसी भी स्थिति में अपनी परम्पराओं का त्याग न करेें। अपने समृद्ध रीति-रिवाजों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाए।
जनजातीय विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लोगों को जनजातीय श्रेणी में शामिल करने के कारण पिछले कुछ वर्षों में इस वर्ग की जनसंख्या पांच लाख से अधिक हो गई है जिस कारण लाहौल-स्पिति के युवाओं को अब बड़े पदों पर आसीन होने के लिये कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है। उन्होंने युवाओं से अच्छी शिक्षा ग्रहण करने तथा कड़ा परिश्रम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अटल टनल, रोहतांग लाहौल घाटी के लिये वरदान बनकर उभरी है। लाहौल घाटी आज देश-विदेश के सैलानियों के लिये पसंदीदा गंतव्य बनकर उभरी है। इससे घाटी के युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं पैदा हुई हैं।
मारकण्डा ने कहा कि लाहौल-स्पिति जिला में साहसिक खेलों के लिये उपयुक्त वातावरण मौजूद है। स्कीईंग के लिये जिला की ढलाने विश्व स्तर की हैं। इसका दोहन करने के पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते साल जिला के विभिन्न भागों में स्नो-फेस्टिवल तथा साहसिक खेलों से जुड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई। इससे निश्चित तौर पर घाटी के पर्यटन को पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि घाटी में ढांचागत विकास को मजबूती प्रदान की जा रही है और सैलानियों के लिये मूलभूत सुविधाओें का तेजी के साथ सृजन किया जा रहा है। डॉ. मारकण्डा ने एसोसियेशन को शगुन के आयोजन के लिये 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की। त्रिलोकनाथ ग्राम पंचायत के प्रधान दिनेश कुमार ने भी 5100 रुपये एसोसियेशन को प्रदान किये।