स्वतन्त्रता सेनानी प्रताप सिंह पर आधारित नाटक की प्रस्तुती देख कर दर्शकों की आंखें हुई नम

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ कुल्लू। ज़िला प्रशासन कुल्लू और भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित कुल्लू कार्निवाल में हो रही नाट्य प्रस्तुतियों में चौथी प्रस्तुति में दृष्टि ग्रुप पालमपुर के कलाकारों ने कुल्लू के पहले स्वतन्त्रता सेनानी प्रताप सिंह पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर खचाखच भरे अटल अंतरंग सभागार बैठे दर्शकों की आंखें नम कर दीं।

खासतौर से दर्शक तब भावुक हुए जब प्रताप सिंह को हज़ारों लोगों सामने धर्मषाला के खुले मैदान में अपने साले मियां वीर सिंह के साथ अंग्रेज़ों ने 3 अगस्त 1857 को फांसी के फंदे पर लटका देने बाला दृश्य मंचित किया गया। और तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा। केहर सिंह ठाकुर द्वारा लिखित और मीनाक्षी द्वारा निर्देशित यह नाटक कुल्लू सिराज के युवराज प्रताप सिंह के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष को दर्शाता है। कंवर प्रताप सिंह राज परिवार का होते हुए भी अपने हक की लड़ाई और सच की लड़ाई के लिए आम जनमानस को एकत्रित कर अंग्रज़ी राज के खिलाफ बिगुल बजाया। उसने कुल्लू क्षेत्र की जनता को अंग्रज़ों को कर देने से मना कर दिया और उन्हें उनके खिलाफ अपने हक लिए लड़ने के लिए तैयार किया। साथ ही साथ प्रताप सिंह ने कुल्लू, लाहौल तथा बीड़ भंगाल की रियासतों के नेगी, नम्बरदारों और गांवों के मुखियों को भी इस आंदोलन के लिए तैयार किया। अपने गुप्तचरों के माध्यम से आसपास की रियासतों में पत्राचार कर उन्हें तैयार किया।

लेकिन किसी कारण उनका एक गुप्तचर पकड़ा गया और सामुहिक विद्रोह नहीं हो पाया और अंग्रेज़ों ने प्रताप सिंह को उनके कुछ साथियों के साथ पकड़ कर मुकद्मा चला कर 3 अगस्त 1857 को धर्मशाला के खुले मैदान में प्रताप सिंह और उनके साले वीर सिंह को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया। नाटक में प्रताप सिंह की भूमिका को वैभव ठाकुर ने तथा वीर सिंह की भूमिका को बड़ी ही संजीदगी के साथ निभाया। इसके अलावा सूरज, अनामिका, पूजा, सपना, सृष्टि, दृष्टि, ममता, लक्ष्मी, देस राज आदि कलाककारों ने अपनी अपनी भूमिकाओं को बहुत ही संजीदगी से निभाया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *