सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। प्रदेश सरकार ने भले ही प्रदेश में पशुपालकों तथा भेड़ पालकों के उत्थान के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रखी है मगर उन योजनाएं को पूर्ण रूप से धरातल में नहीं उतर रही है। छोटाभंगाल के राजगुन्धा के निवासी एवं संसाल पंचायत के पूर्व उपप्रधान लायक राम ने जानकारी देते हुए बताया कि छोटाभंगाल में पशुपालन विभाग के बड़ाग्रां वेटनरी डिस्पेंसरी में गत लगभग दो वर्षों से , कोठी कोहड़ वेटनरी डिस्पेंसरी में लगभग डेढ़ वर्षों से, पशु चिकित्सालय लोहारडी में गत कई वर्षों से फार्मासिस्ट का पद खाली चले हुए हैं। इसके साथ–साथ कोठी कोहड़ में स्थित भेड़–ऊन केन्द्र में भी गत कई वर्षों से ही फार्मासिस्ट का पद खाली चला हुआ है। जिस कारण इन पंचायतों के पशुपालकों तथा भेड़पालकों को भारी असुविधा से जूझना पड़ रहा है। लायक राम ने बताया कि बेशक विभाग ने इन वेटनरी डिस्पेंसरियों में फार्मासिस्टों की डेपुटेशन ड्यूटी भी लगा रखी है मगर समयानुसार फार्मासिस्टों के न मिलने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ–साथ लायक राम ने बताया कि बड़ाग्रां के भेड़ पालक बंगालू राम की भेड़-बकरियों को किसी अज्ञात बीमारी से ग्रस्त है जिस कारण बंगाली राम चिंता में पड़ गया है। उन्होंने पशु पालन विभाग तथा प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि छोटाभंगाल में स्थित इन वेटनरी डिस्पेंसरियों में पशुपालकों तथा भेड़पालकों की बेहतर सुविधा के लिए खाली पड़े फार्मासिस्टों के पदों को तुरंत भरा जाए। इस बारे में पशु चिकित्सालय लोहारडी के डाक्टर इंद्र जीत सिंह सोनी का कहना है कि उन्होंने यहाँ की वेटनरी डिस्पेंसरियों में खाली चले हुए फार्मासिस्टों के पदों को भरने के लिए उच्चाधिकारियों सहित बैजनाथ के विधायक को प्रस्ताव पारित किया हैं। वहीँ उन्होंने भेड़- पालकों की भेड़ बकरियों में फैली अज्ञात बीमारी के बारे में बताया कि यह भेड़–बकरियों को लग रही पैर रोग नामक बीमारी है जिसका इलाज़ भी किया जा रहा है।
2022-04-10