सुरभि न्यूज़
कुल्लू
ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश एवं हिमाचल कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में कलाकेन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे 13 दिवसीय ‘हिमाचल नाट्य महोत्सव’ के बारहबें दिन शिमला के कलाकारों ने डॉ शंकर शेष द्वारा लिखित नाटक ‘फंदी’ का सफल मंचन किया। के बी डी एस संस्था द्वारा प्रस्तुत किए गए इस नाटक का निर्देशन धीरेन्द्र सिंह रावत ने किया था। नाटक एक गरीब ट्रक ड्राईवर फंदी की कहानी को दर्शाता है जिसने अपने बाप की हत्या की है। फंदी का बाप केंसर की बीमारी से पीड़ित था। अपने बाप के इलाज़ के लिए पैसे न होने के कारण वो अपने बाप की हत्या कर देता है। वह यह मान चुका होता है कि उसे फांसी होगी। तब एक वकील जिसका नाम भगत राम है जो कि पूरी ज़िन्दगी एक असफल वकील रहा है वह उसको केस लड़ने के लिए तैयार हो जाता है। कई उतार-चढाव के बाद अपनी नाकामियों से हार कर वकील भगत राम बैरिस्टर गंगानाथ जो कि एक जाने माने और सफल वकील हैं उनसे फंदी का केस लड़ने को कहता है। बैरिस्टर गंगानाथ फंदी के पक्ष को बहुत ही अच्छी तरह से अदालत में उठाते हैं और समाज के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ जाते हैं। कहानी कानून व्यवस्था और इन्सान की आंतरिक भावना को दिखाने की कोशिश करती है। नाटक दिखाता है कि अगर किसी इन्सान को ऐसी बीमारी है जिससे बचना नामुमकिन है और मरीज़ अपने लिए मौत मांग रहा है तो उसे मौत देकर दर्द से छटकारा दिलाने में कोई बुरी बात नहीं है। नवनीत राठौर ने फंदी के साथ साथ अन्य किरदार निभाए। सुमित ठाकुर ने असफल वकील भगत राम के साथ साथ दो अन्य भूमिकाएं निभाईं जबकि उदय शर्मा ने वार्डर और जज की भूमिकाएं निभाईं। मंच सज्जा पूजा साक्टा की रही।