- सुरभि न्यूज़
मौहल
कुल्लू जिला मुख्यालय से लगभग सात किमी दूर मौहल में स्थित जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान सभागार में को वार्षिकोत्सव और 9वें हिमालयी लोकप्रिय व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डा. अनिल कुलकर्णी ने मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया जबकि कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी के वाइस चांसलर देवदत्त शर्मा ने भाग लिया। वशिष्ठ अतिथि के रूप में उप वन सरक्षक एश्वर्या राज ने भाग लिया जबकि वैज्ञानिक केसर चंद ने संस्थान का परिचय दिया।
मुक्य वक्ता देवदत्त शर्मा ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को विकास और पर्यावरण के तराजू में सामजस्य बिठा कर योजनाओं को कार्यान्वित करने की बहुत आवश्यकता है। तभी योजनाएं विकास के लिए सार्थक और पर्यावरण संरक्षण के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। देवदत्त शर्मा ने कहा कि कई बार बड़ी-बड़ी परियोजनाएं पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होती हैं, लेकिन इन परियोजनाओं को इस तरह से योजनाबद्ध तरीके से तैयार करना चाहिए, जिससे पर्यावरण के लिए कम नुकसान हो। ताकि वह विकास के साथ पर्यावरण की कसौटी पर खरा उतर सकें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रदेश में छोटी-छोटी परियोजनाएं लगाई जानी चाहिए, जिससे कम नुकसान होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। लेकिन कई बार परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए तमाम पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके परिणाम आने वाले समय में घातक साबित होते हैं। इसलिए किसी भी परियोजना को लगाने या स्थापित करने से पहले सारे पक्षों को देखा व समझा जाना जरूरी है। ताकि उसके दूरगामी परिणाम ज्यादा नुकसानदायक साबित न हों।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वनमंडलाधिकारी पार्वती वन मंडल ऐश्वर्या राज ने भी पर्यावरण के लिए वनों की महत्वता और वनों के संरक्षण के लिए मानव प्रयास पर जोर डाला जबकि कार्यक्रम का आगाज सरस्वती वंदना के साथ शोधार्थियों द्वारा किया गया जबकि जीबी पंत मौहल के केंद्र प्रमुख राकेश कुमार सिंह ने भी संस्थान की गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय दिया। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. केसर चंद ने 9वें हिमालयी लोकप्रिय व्याख्यान कार्यक्रम में बतौर वक्ता के रूप में अनुसंधान केंद्र में चल रहे शोध कार्यों के बारे में जानकारी दी। सस्थान के शोधर्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस मौके पर संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. रेनू लता, डॉ. केएस कनवाल सहित संस्थान के अन्य वैज्ञानिकों, स्टाफ और शोधार्थियों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वैज्ञानिक डॉ. रेनू लता ने मंच संचालन का कुशल परिचय दिया।