फोरलेन संघर्ष समिति की मांगों के संदर्भ में निर्णय नहीं लिया तो विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए होगा नुकसानदायक

Listen to this article

सुरभि  न्यूज ब्यूरो
कुल्लू
कुल्लू में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष दिनेश सेन और मनाली मंडल के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि फोरलेन प्रभावित वर्ष 2015 से लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

सड़कों में धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि एसडीएम, एलएओ व उपायुक्त का भी घेराव कर चुके हैं। 35 बार मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को मांगपत्र भेज चुके हैं। परंतु कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

फोरलेन संघर्ष समिति जिला कुल्लू के अध्यक्ष दिनेश सेन व अन्य पदाधिकारियों ने जयराम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आने वाले 28 सितंबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में फोरलेन प्रभावितों की मांगों को लेकर फैसला नहीं लिया गया तो आने वाले चुनावों में प्रदेश भर के फोरलेन प्रभावित भाजपा को वोट को चोट मारेंगे। जिसके परिणाम आने वाले
विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित होंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले को हल करने के लिए कैबिनेट स्तर की 2 कमेटियां बनाई गई, लेकिन उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। कमेटियों के अध्यक्ष भी लगातार
प्रभावितों को लारे-लप्पे ही लगाते रहे।

जबकि 1 अप्रैल को मंडी में हुई बैठक में कमेटी के अध्यक्ष व मंत्री महेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया था कि 15 दिनों में उनकी मांगों पर फैसला ले लिया जाएगा। लेकि अफसोस कि आज तक वह कोई निर्णय नहीं कर पाए।

उन्होंने कहा कि प्रभावितों की मांग है कि प्रभावितों को जमीन का फैक्टर दो के तहत चार गुणा मुआवजा दिया जाए। इसके साथ दुकानदार हो या फिर कोई अन्य जो प्रभावित हुए हैं, उनका पुर्नवास और पुनर्स्थापना की जाए, जिसका भू-अधिग्रहण कानून 2013 में प्रावधान है।

लेकिन प्रदेश की जयराम सरकार इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है। जबकि प्रदेश में भाजपा ने अपने चुनावी एजेंडों में भी प्रभवितों को 4 गुणा मुआवजा देने की घोषणा की थी।

परंतु सरकार बनने के बाद अब कार्यकाल का समय पूरा होने वाला है। लेकिन प्रदेश सरकार ने इस मसले पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

उन्होंने कहा कि अब आखिरी उम्मीद है कि 28 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में उनकी 16 मांगों के संदर्भ में निर्णय लिया जाए।

उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अब भी इस संदर्भ में कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले चुनावों में इसका बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।

दिनेश सेन व महेंद्र सिंह ठाकुर ने यह भी बताया कि इसके अलावा कुल्लू के डोहलूनाला में गैरकानूनी तरीके से टोल प्लाजा स्थापित किया गया है। अब टकोली के पास भी टोल प्लाजा स्थापित किया जा रहा है।

जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 3 महीनों के भीतर इस तरह के असंवैधानिक तरीके से
लगाए जा रहे टोल प्लाजा को हटाने की बात की थी। लेकिन उसे भी नहीं हटाया गया है।

उन्होंने बताया कि इस तरह की उनकी 16 मांगें हैं, जिन पर जयराम सरकार को फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि यदि अब भी सरकार ने इस मामले को लेकर लिपापोती करने की कोशिश की तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस मौके पर बड़ी संख्या में फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *