अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के तीसरे दिन रथ मैदान में महानाटी में 7500 महिलाओं ने लिया भाग

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

कुल्लू

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के तीसरे दिन रथ मैदान में 7500  महिलाओं ने महानाटी डाली। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज धज कर महानाटी में भाग लिया। पारंपरिक वेश-भूषा में सजधज कर महिलायों ने ढोल नगाड़ों की थाप में कुलुवी बोली गीतों की धुन में नाटी डाली।

भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम विशेषतौर पर स्वीप यानि सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता के थीम पर आधारित इस मैगा नाटी में आमंत्रित की गई थी। इनमें भारतीय निर्वाचन आयोग के सचिव अमित कुमार, ए.एस.ओ. हितेष कुमार व स्वीप समन्वयक आर.के. सिंह महानाटी के गवाह बने। सचिव ने महानाटी का हरी झण्डी दिखाकर श्रीगणेश किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा समाज को नशामुक्त बनाओ भी महानाटी के थीम थे। हजारों गुव्बारें छोड़े गए स्वीप का लोगो वाला बड़ा वैलून लगातार हवा में लहराता रहा।

महानाटी तीन गोल घेरों में डाली जिसमें महिलाओं ने  लोगों को शत-प्रतिशत मतदान करने, नशा मुक्ति और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया गया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर हाथों में स्लोगन लिए हुए महिलाओं ने नाटी डाली।

एक घेरे में महिलाओं ने हाथों में लिए स्लोगन के माध्यम से मतदाता जागरूकता के संबंध में लोगों को सन्देश दिया। दुसरे घेरे में नशा मुक्ति कुल्लू संकल्प का संदेश दिया जबकि तीसरे घेरे में कुल्लू घाटी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश महिलाओं ने दिया।

महानाटी को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवीयों ने नाटी में हिस्सा लेकर अपना योगदान दिया। इसके साथ ही मतदाता शिक्षा एवं मतदाता सहभागिता पर जोर दिया गया।

उलेखनीय है कि दशहरा महापर्व में महानाटी की यह परंपरा वर्ष 2015 से आरंभ हुई जब 9900 महिलाओं ने एक साथ मैगा नाटी करके लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड प्रमाण पत्र प्राप्त करके एक इतिहास रच दिया था और कुल्लू की अप्रतिम संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाकर जिला व प्रदेश को गौरवान्ति किया।

 

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