सुरभि न्यूज़
बंजार
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु आजादी के बाद अपनी थकान मिटाने के लिए मनाली के सर्कट हाउस में कुछ समय तक ठहरे और स्थानीय लोगों के साथ आत्मीयता से मिले।
लोगों ने उन्हें वाहंग के पास एक कुंड का पानी पीने की सलाह दी। स्थानीय बोली में औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों के इस मृदु जल को ( जायरु पाणी) कहा जाता है।
लोगों ने उसी पानी से नेहरू के लिए भोजन भी बनने लगा। इसी कारण इस जायरु का नामकरण (नेहरू कुंड) पड़ा। स्थानीय लोगों का नेहरू के प्रति असीम प्रेम था, है और रहेगा।
आज भाजपा की संकीर्ण मानसिकता विगत दिनों उनके द्वारा लिए निर्णयों को गलत ठहराने और छवि को बिगाड़ने की भरपूर कोशिश की जा रही है।
किंतु नेहरू भारतीय जनमानस के दिलों पर राज करते हैं। नेहरू के कारण मनाली को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल का दर्जा मिला है।
नेहरू ने स्थानीय बुजुर्गों और अधिकारियों से बात कर पूछा कि इस क्षेत्र में क्या संभावनाएं हो सकती हैं ताकि इसे उबारने हेतु केंद्र से मदद कर सके।
गहन मंत्रना के पश्चात् ये मांग की गई कि यहां साहसिक खेलों की अपार संभावनायें हैं तो नेहरू ने मनाली में माउंटेनियरिंग इनस्टिच्यूट की राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की।
जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त कर हमारे युवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं। राफ्टिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग व पैराग्लाइडिंग अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओ की मेजवानी शान के साथ मनाली कर रहा है।
इसी उपमंडल के नगर में प्रसिद्ध रशियन कलाकार रोरिख के नाम से स्मारक और उनके बनाए चित्रों की आर्ट गैलरी को स्थापित व संरक्षित किया। जहां आज विश्वभर से सैलानी तथा कलाप्रेमी पहुंचते हैं।
कुल्लू की सभ्यता व संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु यहां के नर्तक दल को 26 जनवरी पर निमंत्रित कर अवसर दिया और कुल्लू के दशहरा को अंतर्राष्ट्रीय उत्सव का दर्जा देकर जन जन को सम्मान दिया। अंतर्राष्ट्रीय कलाकेंद्र का निर्माण किया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री हमेशा जनता के लिए सपने देखते और उन्हें सच करने का प्रयास करते रहे।
किंतु वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी कई बार मण्डी/कुल्लू आए और बिना कुछ दिए ही लौट गए। ये बात यहां की परंपरा से मेल नहीं खाती, पहाड़ी समाज में कोई किसी के यहां खाली हाथ नहीं जाता।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने नाराजगी जताई है कि देवसमाज के लोग सरल स्वभाव के होते हैं पर उन्हें याद रखना चाहिए कि कुल्लू में देवसदन का निर्माण और देवी/देवताओं को नजराने के साथ उनकी पूजा अर्चना करने के लिए धूप वाती अर्थात सामग्री हेतु पूर्व कांग्रेस सरकार ने करोड़ों रुपए की राशि प्रति वर्ष जारी की है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ऐसा कोई पैकेज देव समाज को प्रदान कर सकते थे लेकिन सामर्थ्य के बावजूद यह उपेक्षा यकीनन निराशाजनक है।