प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण 5 लाख से ज़्यादा युवा बेरोजगारी का झेल रहे दंश

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

बंजार, कुल्लू

प्रदेश की जयराम सरकार हाल ही में लिए गए 70 हजार करोड़ रुपए के कर्ज को अपने चुनावी प्रचार झूठी घोषणाओं और कभी न पूरा होने वाले शिलान्यासों पर उड़ा रही है।

सप्ताह में दो /दो बार कैविनेट मीटिंग बुलाई जा रही है, जिसमें विभिन्न विभागों, स्कूलों, कालेजों में पद सृजित किए जाने संबंधी प्रचार, प्रसार किया जा रहा है।

कुछ ही दिनों में चुनावों की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू होगी अर्थात कैविनेट के फैसलों को धरातल पर उतारने का वक्त ही कहां बचा है, ऐसे में चुनाव आयोग को चाहिए कि वे सरकार को ऐसे भ्रामक प्रचार करने पर रोक लगाए।

यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने आज यहां जारी एक पत्रकारवार्ता कही। उन्होंने कहा कि दि सरकार ने पांच साल कार्य किए होते तो आखिरी वक्त में इस प्रकार दिन/रात मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों को आधे अधूरे उद्घाटन, लोगों को लुभाने के लिए झूठी घोषणाएं या शिलान्यास न करने पड़ते।

जाते जाते युवाओं को बरगलाने के लिए सप्ताह में दो/दो बार कैविनेट मीटिंग कर विभिन्न विभागों में भर्तियां निकाली जा रही हैं जोकि बेरोजगार युवाओं के साथ मजाक किया जा रहा है।

यदि सरकार ने समय रहते गत 5 वर्षों में प्रतिवर्ष भर्तियां निकाली होती तो आज हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की फौज न खड़ी होती। इंदु पटियाल ने कहा कि जयराम सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में 5 लाख से ज़्यादा युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।

गौर रहे कि बेरोजगार युवा शिक्षित होने के साथ प्रशिक्षित भी हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने विद्युत परियोजनाओ, उद्योगों में भी हिमाचली युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार देने की शर्त रखी थी।

जिसके लिए कांग्रेस,समय समय पर समीक्षा कर सुनिश्चित किया करती थी। पीटीए/ पैरा टीचर, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, पंचायत सचिव/सहायक/रोजगार सेवक, पुलिस, वनरक्षक और गांव गांव में हैल्थवर्कर की नियुक्ति करके कांग्रेस ने घर/द्वार रोजगार की अलख जगाई।

जबकि जयराम सरकार के कार्यकाल में नौकरियां बाहरी राज्यों के लोगों को देकर हिमाचली युवाओं के हकों पर भाजपा सरकार ने कुठाराघात किया है जिसका जवाब युवा शक्ति चुनावों में देने को तैयार है।

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