आनी विधानसभा क्षेत्र को जाति और क्षेत्र के आधार पर बांटना दुर्भाग्यपूर्ण-लोकेन्द्र कुमार,भाजपा प्रत्याशी

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
आनी

आनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी 34 वर्षीय लोकेन्द्र कुमार ने कहा कि आनी विधानसभा क्षेत्र आनी खण्ड के बालू-बाला से लेकर निरमण्ड खण्ड के पंद्रह बीस क्षेत्र तक फैला है।इसे क्षेत्रवाद और जातिवाद में विभाजित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र की भोलीभाली जनता का एक समान विकास करना ही विधायक का दायित्व है, न कि उन्हें जाति या क्षेत्र के आधार पर बांटकर वोट बटोरना, जैसा कि कुछ प्रत्याशी इन दिनों वोट बटोरने का लिए कर भी रहे हैं।

इन दिनों चुनाव प्रचार में जुटे भाजपा प्रत्याशी लोकेन्द्र कुमार ने कहा कि आनी विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें जिताकर विधानसभा में भेजेगी तो वह क्षेत्र का एक समान विकास करेंगे।

उन्होंने कहा कि उन्होंने आनी विधानसभा क्षेत्र के हर गांव का बीते कई वर्षों में दौरा किया है और इन दिनों चुनाव प्रचार के दौरान भी एक एक घर तक पहुंच रहे हैं, वे आनी विधानसभा क्षेत्र की जनता की मांगों, समस्याओं और दुःख दर्द को भली भांति जानते हैं।
जिन्हें दूर करने के लिए वे हमेशा आवाज उठाएंगे और हर क्षेत्र, हर जाति और हर वर्ग के लोगों की समस्याओं को समानता से दूर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहूँगा।

 

टिकट पहले भी कटे और आगे भी कटेंगे, लेकिन संगठन और जनता ही सर्वोपरि : लोकेन्द्र कुमार
टिकट कटने के बाद भाजपा से बागी हुए और आजाद चुनाव लड़ रहे भाजपा के पूर्व विधायक किशोरी लाल सागर को कहा कि उन्हें भाजपा संगठन के साथ चलना चाहिए था। टिकट मिलना या बदलना संगठन के हाथ में है और पहले भी टिकट बदलते आये हैं।

पहले भाजपा के टिकट पर खूब राम आनन्द ने चुनाव लड़ा, मास्टर तेज राम को टिकट दिया गया, फिर बदल कर किशोरी लाल सागर को मौका दिया गया और अब मुझे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है।

लोकेन्द्र कुमार ने कहा कि टिकट स्थायी नहीं है बल्कि जो संगठन की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और जनता की उम्मीदों के अनुसार काम करेगा उसे मौका दिया जाएगा।

लोकेन्द्र कुमार ने स्पष्ट किया कि यदि वे आने वाले 5 सालों में ठीक ढंग से काम नहीं करेंगे तो हो सकता है भविष्य में मेरा टिकट भी काटा जाए और किसी और को मौका दिया जाए।

उन्होंने कहा कि स्थायी केवल संगठन है, जनता की उम्मीदें हैं और उन पर खरा उतरने की योग्यता।
तो ऐसे में बगावत करने के बजाए संगठन के साथ चलकर ही हम सभी की भलाई निश्चित है।

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