सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा अटल सदन में 6 दिवसीय राज्य स्तरीय नाटय उत्सव का समापन अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी प्रशान्त सरकेक ने किया।
उन्होंने कहा कि भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की विलुप्त हो रही प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के सरक्षण व सम्बर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस तरह के आयोजन जहां हमें अपनी समृद्ध संस्कृति को समझने का अवसर प्रदान करते हैं वहीं इसे भावी पीढ़ी के लिए संरक्षण करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते कहा कि राज्य स्तरीय नाट्योत्सव के माध्यम से थियेटर से जुड़े रंगकमिर्यों को नाट्य विधा की बारीकियों को सीखने व समझने का अवसर मिलता है।
13 मार्च से 18 मार्च तक कुल्लू स्थित अटल सदन में राज्य स्तरीय नाट्य उत्सव का आयोजन किया गया। 13 मार्च को प्रणव एण्ड बियोण्ड थियेटर, सोलन द्वारा ‘मैट्रिक‘ नाटक व आसरा संस्था, राजगढ़, सिरमौर के लोक कलाकारों द्वारा ‘सिंहटू’, 14 मार्च को संवाद युवा मण्डल, मण्डी द्वारा ‘आखिरी खत’ नाटक व वीर नाथ युवक मण्डल, फोजल, कुल्लू के लोक कलाकारों द्वारा लोक नाट्य ‘हाॅरन’, 15 मार्च को संकल्प रंगमण्डल, शिमला द्वारा नाटक व साहिल म्यूजिकल ग्रुप, हमीरपुर के लोक कलाकारों द्वारा लोक नाट्य ‘दहाजा’, 16 मार्च को ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन, कुल्लू द्वारा ‘भगवान का पूत’ नाटक व स्वर संगम लोक कला मंच, शिमला के लोक कलाकारों द्वारा लोक नाट्य ‘करियाला’, 17 मार्च को उड़ान थियेटर ग्रुप, बिलासपुर द्वारा ‘खेल दो’ नाटक व माण्डव्य कला मंच, मण्डी के लोक कलाकारों द्वारा लोक नाट्य ‘बांठड़ा’, का मंचन किया गया।
आज समापन अवसर पर स्टैप्को, नाहन, सिरमौर द्वारा ‘डाकघर नाटक’ व महोदव खेल एवं सांस्कृतिक कला मंच, किन्नौर द्वारा लोक नाट्य ‘हरिङफो का मंचन किया गया ।
जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा सभी दर्शकों का धन्यवाद किया।