राज्य स्तरीय नाट्योत्सव के समापन पर नाहन के कलाकारों द्वारा गुरूदेव रबिन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित विश्व प्रसिद्ध नाटक ‘डाकघर’ का किया मार्मिक प्रस्तुतिकरण 

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

कुल्लू

अटल सदन कुल्लू में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय नाट्योत्सव के छठे दिन नाट्योत्सव के समापन पर समकालीन नाटक में स्टैपको नाहन के कलाकारों द्वारा गुरूदेव रबिन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित तथा रजित कंवर द्वारा निर्देशित विश्व प्रसिद्ध नाटक ‘डाकघर’ का मार्मिक प्रस्तुतिकरण किया। नाटक एक जिज्ञासु बच्चे अमल की कहानी कहता है।
इस अनाथ बच्चे को एक लाईलाज बीमारी है जिसके कारण वह मृत्यु की ओर अग्रसर है। अपनी बीमारी के कारण वह कमरे से बाहर तो नहीं जा सकता किन्तु वह खिड़की के पास आकर बाहर के लोगों से मुखतिब होता है। वह स्वयं की वेदना को एक ओर रखकर खिड़की के पास से गुज़रने वाले स्थनीय विक्रेताओं, शहर के चैकीदार और फूल बेचने वाली लड़की सुधा जो कि अमल के लिए प्रतिदिन फूल लाती है। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो जाती है।

 

अमल को यकीन रहता है कि उसके इलाज के लिए राजवैद्य आएंगे और राजा पत्र लिखेंगे। अंत में एक दिन राजवैद्य आता है और राजा का पत्र भी लेकिन तब तक अमल इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका होता है। नाटक में वैभव अत्री, राकेश शर्मा, राजकुमार सैनी, नीरज गुप्ता, गीता कैंथ, आशु शर्मा, मनीश, मोनू यादव, शशि कान्तअत्री व अमन आदि कलाकारों ने भूमिकाएं निभाई। लोक नाट्यों में महादेव खेलकूद एवं सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने किन्नौरी लोकनाट्य ‘हाॅरिंग फो’ प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एडीए कुल्लू प्रषांत सरकैक बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

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