सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी में मूसलाधार बारिश ने भारी तवाही मचाई है। भारी बारिश के कारण ऊहल व लंम्बाडग नदी में आई भयंकर बाढ़ के कारण नदियों में बने पैदल चलने वाली दर्ज़नों पुलियां नदी में समा गई है तथा चौहार घाटी में ऊहल नदी के किनारे बने रणगाण तथा ढरांगण में कैंपिंग साइट में भी पानी भर जाने से काफी नुकसान हुआ है।
दोनों घाटियों को जोड़ने वाले मुख्य बरोट-घटासनी सड़क मार्ग के साथ वोचिंग-रूलिंग, बरोट-मियोट, फियुंन गलू-सुधार, धरमेहड़-गढ़गांव, टिक्कन -थलटू खोड़ तथा छोटा भंगाल घाटी के मुल्थान-लोहारेडी तथा मुल्थान -बड़ा ग्रां सड़क मार्ग में जगह-जगह ल्हासे गिरने व डंगे धंसने से यातायात के लिए पूरी तरह बंद हो गए हैं।
उनमें से लोक निर्माण विभाग ने बरोट-घटासनी सड़क मार्ग को बारिश के दो दिनों बाद मंगलवार को सुबह दस बजे जेसोबी मशीन से मालवा हटाकर फिलहाल छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है जबकि सड़क मार्ग के पूर्ण बहाली के लिए विभाग पूरी तरह जुटा हुआ है। बरोट-घटासनी के मात्र छोटे वाहनों के लिए खुलने से बरोट मे फंसे पर्यटकों ने राहत की सांस ली है।
मगर इस सड़क मार्ग के बीच गुराहला नामक स्थान पर सड़क मार्ग के बीचोंबीच दरार पड़ जाने से विभाग को बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल करना मुशिकल हो गया है। टिक्कन-थलटू खोड़ सड़क को विभाग ने बहाल कर दिया है तथा फियुंन गलू-सुधार सड़क मार्ग मात्र छोटे वाहनों के लिए बहाल हो गया है
घाटियों के अन्य सभी सड़क मार्ग बारिश के तीन दिन बाद भी अबरुद्ध पड़े हुए हैं। जिस कारण लोगो को आवाजाही करने में भारी परेशानियों झेलनी पड़ रही है।
इस मूसलधार बारिश ने दोंनो घाटियों में पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चौहार घाटी के बरोट में गत तीन दिन से और छोटाभंगाल घाटी के दयोट गांव में गत दो दिन से पीने के पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप्प पड़ गई है।
इसके साथ भारी बारिश ने दोनों घाटियों में विद्युत सप्लाई को भी पूरी तरह ठप कर दिया है। जिसके चलते घाटियों में विद्युत आपूति की बहाली के लिए विद्युत विभाग बरोट के सहायक अभियंता भगत राम ठाकुर कर्मचारियों के साथ स्वयं फील्ड में डटे हुए हैं।
इसके साथ-साथ घाटियों के अधिकांश गांवों में दूर संचार व्यवस्था भी गत तीन दिन से ठप पड़ी हुई है। यही नही इस भारी बारिश से चौहार घाटी के लपास पंचायत में सचान, रूलिंग, लपास, कशामल व गलू गांवों में कई रिहायशी मकानों के आगे व पीछे लगे डंगे के ढह जाने से मकानों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है।
वही बरधान पंचायत के अंतर्गत आने वाले कलहोग व बोचिंग गांवों के लोगों की ऊहल नदी के किनारे दर्ज़नों बीघा उपजाऊ जमीन नगदी फसलों सहित ऊहल नदी के पानी की चपेट में आ गई है। जिस कारण इन गावो के लोगों का लाखो का नुकसान हो गया है। इस के साथ- साथ जगह-जगह भूस्खलन होने से घाटियों के लगभग सभी गांवों में उपजाऊ जमीन में नगदी फसल दब गई है।
छोटा भंगाल घाटी की लोआई पंचायत के पंचायत प्रधान सुरिन्द्र कुमार की आल्टो कार सड़क मार्ग में ल्हास गिरने के कारण पूरी क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रधान सुरिन्द्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी कार को प्रतिदिन की तरह अपने गांव के समीप सड़क मार्ग में सुरक्षित स्थान पर खड़ा किया था मगर उस स्थान पर ऊपर से भारी ल्हासा गिरने से उनकी कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
दोनों घाटियों में हुए जानमाल के नुकसान की बात की जाए तो चौहार घाटी के गढ़गांव का 70 वर्षीय बुज़ुर्ग नाले में बह जाने से काल का ग्रास बन गया । इस बार की ऊहल नदी में आई भयंकर बाढ़ में ऊहल नदी के किनारे बसे बरोट गांव, बरोट बाज़ार ,लक्कड़ बाज़ार, मुल्थान बाज़ार तथा लंबाडग बाज़ार के व्यापारियो व अन्य लोगों को वर्ष 1995 को चार सितम्बर की शाम को तथा वर्ष 2012 को सोलह सितम्बर को ऊहल नदी में आई भीषण बाढ़ के इतिहास को दोहराता नजर आया।
इस बार भी ऊहल नदी में आई भयंकर बाढ़ के कारण जारी रही भारी बारिश के कारण ऊहल नदी में सटे बरोट गांव, बरोट बाज़ार, लक्कड़ बाज़ार, लंबाड़ग , मुल्थान के लोगों ने दो दिन व दो रातें बड़े ही खोफ में गुजारी।