सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी में एक आई टी आई का प्रशिक्षण केन्द्र का खोले जाना बेहद अनिवार्य है। गौरतलब है कि प्रदेश की पूर्व भाजपा जयराम सरकार द्वारा चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के शिक्षित बेरोज़गारों की बेहतर सुविधा के लिए आईटीआई खोलने की कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई थी मगर प्रदेश में सता बदलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईटीआई प्रशिक्षण केन्द्र के खोलने से पहले ही इसे डी नॉटीफाइड कर दिया है। जिस कारण दोनों घाटियों के लोग प्रदेश की वर्तमान सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार पूर्व भाजपा जयराम सरकार के समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छोटाभंगाल घाटी के केन्द्र स्थल मुल्थान में दोनों घाटियों के समस्त लोगों की जोरदार मांग छह दिसम्बर 2021 को एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए दोनों घाटियों के केन्द्र स्थल बरोट या मुल्थान में आई टी आई पशिक्षण केन्द्र खोलने की घोषणा की थी।
जिसके चलते चौहार घाटी की खलैहल पंचायत के अंतर्गत लोदर में बड़ी झरवाड़ गांववासियों ने अपनी उपजाऊ भूमि तथा ठंडी गोलाई में अपनी उपजाऊ भूमि बरोट गाँव के निवासी भी आई टी आई प्रशिक्षण केन्द्र निर्माण के लिए दान देने को मंजूर हो गए थे। जिस पर स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि चयनित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी।
मगर वर्ष 2022 में हुए विधान सभा चुनावों में सता परिवर्तन होने से प्रदेश के वर्तमान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने गंभीर समस्या को सुलझाने के वजाय इस प्रशिक्षण केन्द्र को डीनॉटीफाइड कर दोनों घाटियों के लोगों के साथ बिल्कुल अन्याय किया है।
दोनों घाटियों के सुभाष चंद, रजा कुमार, होशियार सिंह, रवि कुमार, पवन कुमार, ओम प्रकाश, दिनेश कुमार, चेत राम, शांता कुमार, मोनिका, माधवी, नैना, रिया तथा कोमल का कहना है कि यहां के लोग गत कई वर्षों से आई टी आई प्रशिक्षण केन्द्र को खोलने की मांग करते आ रहे है।
उनका कहना है कि अगर यहाँ पर आईटीआई प्रशिक्षण केन्द्र खुल गया होता तो दोनों घाटियों के आई टी आई में प्रवेश लेने वाले बच्चों को घर द्वार में प्रशिक्षण मिल जाना था। मगर अब उन्हें मात्र निराशा ही हाथ लगी है।
उनका कहना है कि बच्चों को आई टी आई का प्रशिक्षण लेने के लिए 40 से 60 किलो मीटर दूर पद्धर, जोगिन्द्र नगर या फिर बैजनाथ में जाना पड़ता है। जिस कारण गरीब तबके के बच्चें प्रशिक्षण लेने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए दोनों घाटियों के केन्द्र स्थल बरोट या फिर मुल्थान में आई टी आई को खोलना बेहद आवश्यक हो गया है।
ऐसे में संस्थान को डीनोटीफाइड करना सरकार की मंशा पर सवालिया निशाँ खड़ा करता है। एक तरफ सरकार जहां बेरोजगारों को रोज़गार देने का राग अलापती आ रही है मगर ऐसे महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण केन्द्र को सरकार द्वारा डीनोटिफाइड कर रही है जोकि दोनों घाटियों के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है।
वहीँ चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी के समस्त शिक्षित युवाओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दोनों घाटियों में लोग अति दुर्गम गाँवों में जनजीवन यापन करते हैं इसलिए इनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बरोट या मुल्थान में आईटीआई का प्रशिक्षण केन्द्र खोला जाए।