एनएचपीसी द्वारा सुबनसिरी अपर और कमला जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

फरीदाबाद, हरियाणा

केंद्रीय मंत्री (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा) आर.के.सिंह, मुख्यमंत्री पेमा खांडू व उप मुख्यमंत्री चौना मीन अरुणाचल प्रदेश ने  सीएमडी एनएचपीसी आर.के. विश्नोई व निदेशक (परियोजनाएं) बिश्वजीत बासु एनएचपीसी के साथ अरुणाचल प्रदेश में स्थित सुबनसिरी अपर जलविद्युत परियोजना (2000 मेगावाट) और कमला जलविद्युत परियोजना (1800 मेगावाट) के विकास के लिए एनएचपीसी और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एमओए पर हस्ताक्षर के किए गए।

स्वच्छ और हरित ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र के निर्धारित योगदान की दिशा में, एनएचपीसी ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में 3800 मेगावाट की कुल क्षमता वाली दो जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए 12 अगस्त, 2023 को ईटानगर में अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर आर.के.सिंह, माननीय केंद्रीय मंत्री (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा), पेमा खांडू मुख्यमंत्री अरुणाचल प्रदेश, चौना मीन उप. मुख्यमंत्री अरुणाचल प्रदेश तथा आर.के. विश्नोई सीएमडी एनएचपीसी उपस्थित थे।

एनएचपीसी की ओर से बिस्वजीत बासु निदेशक (परियोजनाएं) एनएचपीसी ने एमओए पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एनएचपीसी और विद्युत विभाग अरुणाचल प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

समझौता ज्ञापन के अनुसार एनएचपीसी द्वारा अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी अपर जिले में स्थित 2000 मेगावाट सुबनसिरी अपर परियोजना तथा कामले जिले में स्थित 1800 मेगावाट कमला जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाएगा। सुबनसिरी अपर जलविद्युत परियोजना अपर सुबनसिरी जिले में स्थित है, और कमला जलविद्युत परियोजना का निर्माण कामले जिले में किया जाना है।इन दोनों परियोजनाओं के कार्यान्वयन से राज्य में 43,000 करोड़ रुपये का भारी पूंजी निवेश आएगा और सालाना लगभग 12746 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादित होगी।

उक्त जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और प्रचालन से क्षेत्र में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही क्षेत्र में कौशल विकास और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा। जलविद्युत परियोजनाओं का कार्यान्वयन राज्य के हरित और उज्ज्वल भविष्य के लिए आशा की किरण है और यह कार्बन फुटप्रिन्ट को काफी कम कर सकता है।

एनएचपीसी लिमिटेड मिनी रत्न दर्जे के साथ भारत सरकार का एक अनुसूची ‘ए’ उद्यम है, जिसे जलविद्युत के विकास के लिए भारत में एक प्रमुख संगठन के रूप में स्थान दिया गया है, जिसमें जलविद्युत परियोजनाओं की संकल्पना से लेकर उनके संचालन तक सभी गतिविधियों को करने की क्षमता है। 7097.20 मेगावाट की क्षमता जिसमें 22 हाइड्रो पावर स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं से 76 मेगावाट और एक पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल है। एनएचपीसी का देश की कुल स्थापित पनबिजली क्षमता में लगभग 15% योगदान है।

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