सुरभि न्यूज़
सरकाघाट/मंडी, मंडी, 31 अगस्त
बीते दिनों हुई भारी बारिश से जान माल का बहुत नुकसान हुआ वहीँ भूस्खलन से कई घर जमींदोज होने के साथ जमींन में दरारे आने से कई गांव को खाली करवाने पडा। सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाले ज्वाली गांव में बारिश का कहर इस कद्र बरपा कि पूरा गांव ही विस्थापित हो गया।
कुछ लोगों के घर जमींदोज हो गए, जबकि बाकी घर ऐसी स्थिति में हैं, जिनमें रहना संभव ही नहीं। ऐसे में इस गांव के 55 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने पटड़ीघाट स्कूल में बनाए अस्थायी राहत शिविर में ठहराया हुआ है। अस्थायी राहत शिविर में रह रहे प्रभावितों का सरकार की अनदेखी को लेकर सब्र का बांध अब टूटने लग गया है।
ज्वाली गांव की स्थिति इतनी ख़राब है कि गाँव में जाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही। प्रभावितों का एक ही सवाल है कि आखिर कब तक वे इसी तरह स्कूल में अपनी जिंदगी काटेंगे। प्रभावितों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है।सरकार इनके लिए कोई स्थायी समाधान निकालकर प्रभावितों को जमीन उपलब्ध करवाए और घर बनाने में मदद करे।
ज्वाली गांव के प्रभावित रोशनी देवी, भोलू राम, धर्मू और रोशनी देवी ने बताया कि उनका पूरा गांव भूस्खलन की जद में आ गया है। गांव का कुछ हिस्सा धंस गया है, जबकि कुछ धंसने की कगार पर है। जो घर बचे हैं उनमें इतनी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है कि वो कभी भी ढह सकते हैं। गांव का कोई भी घर रहने लायक नहीं बचा है। सारा सामान घरों में ही मौजूद है और वहां तक जाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही है। गांव का स्कूल भी ढह गया है। बच्चों का भविष्य भी अंधकार में जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
ज्वाली गांव के प्रभावितों ने सरकार को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि या तो सरकार इनकी जिम्मेदारी ले या फिर इन्हें गोली मार दे, क्योंकि जिस तरह की जिंदगी ये अभी जी रहे हैं, उसे कब तक जिएंगे, इसका कोई पता नहीं।