सुरभि न्यूज़ ब्युरो
कुल्लू 17 मई
हिमाचल प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी चिट्टे की रिकवरी में आरोपियों को सजा हुई है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कुल्लू पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के कार्यकाल में कुल्लू पुलिस की स्पेशल टीम जिसमे टीम लीडर सुनील सांख्यायन, एसआई रिंकू, एचसी संदीप, केसर, अनुपम, नरेंद्र, चंद्रशेखर, हेमन्त व सिटी प्रेमनाथ ने 6 किलो 297 ग्राम चिट्टे और 362 ग्राम गांजा के साथ एक नाइजीरियन मूल के तस्कर को दिल्ली से काबू किया गया था।
कुल्लू जिले में चिट्टा लाने की कोशिश में दो युवकों को दिनांक 30/1/21 को गिरफ्तार किया गया था और उनसे 55 ग्राम हेरोइन बरामद की गई और धारा 21 मादक प्रदार्थ अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया गया। साथ ही उनका गाड़ी (Chevrolet ) भी जब्त की गई।
आगामी जांच में इस हेरोइन का सप्लायर मुख्य सरगना दिल्ली में रहने वाला एक अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट का 38 वर्षीय नागरिक पाया गया।
जिस को कुल्लू पुलिस की टीम द्वारा एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 के अन्तर्गत दिल्ली से गिरफ्तार किया और उसके घर पर रेड की उसके पास एक बैग से 6.297 किलो चिट्टा और 362 ग्राम गांजा बरामद किया जो हेरोइन के गढ़ पर हिमाचल प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी रेड के साथ सबसे बडी रिकबरी थी।
आरोपी को गिरफ्तार करके कुल्लू लाया गया, जो उक्त समय कंट्राबंड की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 30 करोड़ से ज्यादा है।
आरोपी के फ्लैट से हेरोइन की नापतोल और कंजप्शन का सामान जैसे 4 Tapes roll, One big silver foil paper roll and one electronic Weighing machine with used silverfoil paper, used tape foil etc
यह ऑपरेशन लगातार 46 घंटे चला और इसमें टीम ने 1300 किमी से ज्यादा का सफ़र तय किया।
आरोपी के पास वैलिड वीजा नहीं पाया गया जो आरोपी गैर कानूनी तरीके से भारत में रह रहा था जो इसके खिलाफ फोरनर एक्ट की धारा 14 के अंतर्गत भी कार्यवाही की गई है। आरोपी को कुल्लू न्यायालय में पेश करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
आरोपी बड़ी क्वांटिटी में डील करता था और डिलीवरी और नेटवर्किंग में खुद नहीं जाता था। इसके गैंग ने हिमाचल में भी सैकड़ों लोगो को चिट्टा सप्लाई किया था।
बाद में जांच के दौरान इसी केस में एक और नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को पुलिस ने इस केस में धारा 25 एनडीपीएस में गिरफतारकि या जिसने अपना कमरा हीरोइन को रखने और स्मगलिंग के लिए प्रयोग करने के लिए दिया था
2021 के इस केस में गवाहों की गवाही और ट्रॉयल के बाद अद्दालत ने आरोपियों को दोषी पाया ओर 2 आरोपियों को 6 महिने की सजा और जुर्माना और 2 नाइजीरियन मूल के व्यक्तियों को 10-10 साल की सजा और 1-1 लाख रू जुर्माना हुआ है।