साहित्य : कुलदीप सिंह राठौर और प्रतिभा सिंह ने किया हितेन्द्र शर्मा के काव्य संग्रह संवाद का लोकार्पण 

Listen to this article
सुरभि न्यूज़ ब्युरो
शिमला, 29 अगस्त
  • राजनीति की भीड़ में कविता का संवाद
  • साहित्य के माध्यम से समाज को सही दिशा देने की जरूरत – कुलदीप सिंह राठौर
  • संवादहीनता सामाजिक और पारिवारिक विघटन का कारण – प्रतिभा सिंह
हिमाचल प्रदेश के युवा कवि, लेखक एवं पत्रकार हितेन्द्र शर्मा की पुस्तक “संवाद” काव्यसंग्रह का लोकार्पण ठियोग-कुमारसैन क्षेत्र के विधायक एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के करकमलों द्वारा राजीव गांधी भवन, शिमला में किया गया। कुलदीप सिंह राठौर ने इस साहित्यिक आयोजन एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कुलदीप सिंह राठौर के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में एक साहित्यिक आयोजन के दौरान “संवाद” पुस्तक का लोकार्पण किया गया जो कि साहित्य के क्षेत्र में एक सराहनीय प्रयास है।
हितेंद्र शर्मा विगत कुछ वर्षों से हिमालयन डिजिटल मीडिया के माध्यम से “साहित्य कला संवाद” कार्यक्रम के संचालन के साथ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से भी साहित्य एवं पत्रकारिता की सेवा में कार्यरत हैं। संवाद उनका पहला काव्य संग्रह है जिसका आज लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर साहित्यिक आयोजन के मुख्य अतिथि विधायक ठियोग-कुमारसेन कुलदीप सिंह राठौर  ने कहा कि “संवाद” विचारों को प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा  हम अपने विचार एक-दूसरे के साथ सांझा कर सकते हैं। संवाद अर्थात् विचारों का आदान-प्रदान ही व्यक्ति, परिवार, समाज, प्रदेश और राष्ट्र के निर्माण एवं विकास की यात्रा तथा व्यवहार का एक सार्थक जरिया है। वस्तुत: संवाद से चिंतन एवं अभिव्यक्ति को शब्द मिलते हैं। संवादात्मक शब्दों के प्रयोग से आपसी सौहार्द, आत्मीयता, मित्रता मजबूत होती है। इसीलिए संवाद होना अत्यंत आवश्यक भी है।
उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि कुमारसेन के लोकप्रिय युवा कवि, लेखक एवं पत्रकार हितेन्द्र शर्मा लेखन, पत्रकारिता और कविता के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने तथा अपने पाठकों और श्रोताओं तक पहुंचाने में सदैव अग्रणी रहे हैं। समाचार पत्रों और डिजिटल मीडिया के माध्यम से हितेन्द्र शर्मा कुमारसैन, ठियोग सहित समूचे हिमाचल प्रदेश के समाचारों तथा सामयिक विषयों को पूर्ण निष्पक्षता एवं प्रमाणिकता से जन-जन तक पहुंचाने  का कार्य कर रहे हैं।
इस पुस्तक का प्रकाशित होना जहां हितेंद्र शर्मा की व्यक्तिगत तौर पर एक उपलब्धि है, वहां यह  साहित्य और सृजन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। हितेन्द्र शर्मा ने संवाद के अंतर्गत स्वरचित एवं संकलित कविताओं में व्यक्तिगत जीवन के अनुभव, सामाजिक चुनौतियां, प्राकृतिक आपदाओं, राष्ट्रीय सरोकारों से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर बेबाकी से कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत दिया है।
ये कविताएं कवि हितेन्द्र शर्मा की संरचना के साथ  विचारों की एक अटूट श्रृंखला बन पड़ी है, जिसमें सामाजिक परिवेश को आईने की तरह साफ-साफ देखा जा सकता है। संवाद पुस्तक समाज के विभिन्न पत्रों के आपसी संवाद पर आधारित कविताओं का एक ऐसा संग्रह है जो समाज की विसंगतियों और यथार्थ को उजागर करता है।
“संवाद” पुस्तक के लोकार्पण समारोह की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि साहित्य समाज की समस्याओं, असमानताओं और चुनौतियों को लोगों के सामने रखकर जागरूकता का कार्य करता है। अतः साहित्य का सृजन लोकहित में निष्पक्ष और स्पष्टवादी होना चाहिए। वर्तमान में मोबाइल कल्चर के प्रभाव से लोगों का आपस में कम होता जा रहा संवाद, परिवार और समाज के विघटन का भी कारण बन रहा है। अतः यह पुस्तक हमें अपने आप से, परिवार, समाज, मित्रों, रिश्तेदारों तथा सहकर्मियों के साथ संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है जो कि वर्तमान में हर दृष्टि से उपयोगी है और समय की जरूरत भी है।
आज के कार्यक्रम में राजनेताओं और साहित्यकारों का अनूठा संगम देखने को मिला। कुलदीप सिंह राठौर को जन्म दिवस के उपलक्ष्य में बधाई देने के लिए जहां प्रदेश भर के राजनेताओं, कांग्रेस के पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं का जमावड़ा रहा, वहीं साहित्यकारों की गरिमापूर्ण उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। राजनीति की भीड़ में कविताओं के संवाद का यह अनूठा प्रयोग एक सराहनीय प्रयास कहा जा सकता है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात कवि, लेखक, कथाकार, समीक्षक, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं समाजसेवी जन भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एस. आर. हरनोट, मदन हिमाचली, सुदर्शन वशिष्ठ, डा देवेन्द्र कुमार गुप्ता, आचार्य मस्तराम शर्मा, त्रिलोक सूर्यवंशी, डा. गोपाल भारद्वाज, उमा नधैक, विकास शर्मा, प्रतीक, रोशन जसवाल, डा सुनीता  देवी, दीपक शर्मा, आयुष, युविका शर्मा, उषा सोना, प्रेषिका शर्मा आदि कवियों, लेखकों एवं साहित्यकारों ने भी शिरकत की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *