मुख्यमंत्री खनन माफिया को अपनी गाड़ी में बैठाकर घुमाते भी हैं और कहते हैं उनको जानता नहीं – जयराम ठाकुर

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो, मंडी

मंडी में भाजपा द्वारा आयोजित आक्रोश रैली और प्रदर्शन में जनसभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जिस क्रशर संचालक पर सरकार की विशेष कृपा रही। जो आपदा के दौरान पूरे प्रदेश में इकलौता खनन करने वाला व्यक्ति था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसकी गिरफ्तरी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उसे नहीं जानते। लेकिन विभिन्न मीडिया द्वारा वायरल एक वीडियो में यह साफ़ दिख रहा था कि गिरफ़्तार आरोपित को वह अपनी सरकारी गाड़ी में घुमाते हैं, उसे सीएम ऑफिस लेकर आते हैं। वीडियो में तो यह भी साफ़ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री महोदय गाड़ी से उतर कर आरोपित का गेट खोलने आगे बढ़ते हैं। इतनी नजदीकी के बाद ईडी की गिरफ़्त में आते ही मुख्यमंत्री महोदय कहते हैं कि मैं उसे जानता नहीं हूँ। हमीरपुर और नादौन का रहने वाले हर व्यक्ति से मुझे जोड़ना ठीक नहीं हैं। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूँ कि वह प्रदेश के लोगों को बताएँ कि जिसे गाड़ी में घुमाते हैं, उन्हें पहचानने से इनकार क्यों करते हैं? हिमाचल प्रदेश में अब भ्रष्टाचार और अराजकता की आँच सीएम ऑफिस और सीएम तक पहुँच गई हैं। सरकार के हेलीकॉप्टर में आउटसोर्स भर्ती माफिया घूम कर करोड़ो की डील कर रहा है। हिमाचल के लिए यह दु:खद है। प्रदर्शन के बाद जयराम ठाकुर ने मंडी में ही एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर सरकार की नाकामियों को गिनवाते हुए कई सवाल पूछे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा के चुनाव में मंडी से कांग्रेस को सहयोग नहीं मिला है। इसलिए मुख्यमंत्री जी मंडी से बदला लेना चाहते हैं। इसलिए मंडी के विकास को रोक रहे हैं। चली हुई परियोजनाओं के बजट डाइवर्ट कर रहे हैं। मंडी विश्वविद्यालय को बंद करने के कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। हर हाल में एसपीयू को बर्बाद करना चाहते हैं, उसके लिए जो कर सकते हैं, वह कर रहे हैं। लेकिन यह साजिशें कामयाब नहीं होगी। अगर मुख्यमंत्री को एसपीयू को बर्बाद की जिद्द सवार है तो हम भी ऐलान करते हैं कि उसकी तरफ़ उठने वाले हर हाथ और उंगली को पूरी क़ीमत चुकानी होगी। विश्वविद्यालय के नाम की वजह से कांग्रेस की चिढ़ और बढ़ रही है, क्योंकि यह विश्वविद्यालय भारत की एकता और अखण्डता के अग्रदूत भारतीय रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से है। केंद्र सरकार ने इस साल हिमाचल को 93 लाख घर दिए लेकिन सरकार के मुँह से धन्यवाद का एक शब्द भी नहीं फूटा।

नेता प्रतिपक्ष ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार 2 साल के कार्यकाल के पूरे होने का जश्न मनाने जा रही है और उस जश्न में करोड़ों रुपए खर्च करने की योजना बना रही है। लेकिन प्रदेश के लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि वह किस बात का जश्न मना रही है? क्या सरकार हिमाचल ऑन सेल का जश्न मना रही है? क्या लोन लेने की लिमिट खत्म करने का जश्न मना रही है। प्रदेश की देश भर में किरकिरी करवाने का जश्न मना रही हैं? क्या बिजली, पानी राशन सब महंगा करने का जश्न मना रही है? लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर करने का जश्न बना रही है? क्या डेढ़ लाख नौकरियां समाप्त करने का जश्न मना रही है? क्या हज़ार से ज़्यादा संस्थान को बंद करने का जश्न मना रहे हैं? पंद्रह हज़ार से ज़्यादा लोगों को नौकरियों से निकालने का जश्न मना रही है? क्या बसों में कूकर और दवाई ले जाने के लिए किराया वसूलने के का जश्न मना रहे हैं? क्या टॉयलेट टैक्स लगाने का जश्न मना रहे हैं? क्या कर्मचारियों के वेतन, एरियर, पेंशन, मेडिकल बिल रोकने का जश्न मना रहे हैं? क्या पानी बिजली के दाम बढ़ाने का जश्न मना रहे हैं? क्या हर सुविधा छीनने का जश्न मना रहे हैं?

उन्होंने कहा कि सत्ता आती जाती रहती है लेकिन कांग्रेस के लोगों के दिमाग में सत्ता चढ़ गई है और इसका खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। महज 2 साल के कार्यकाल में सरकार और सरकार के सहयोगी भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ चुकी है। प्रदेश भर में हर जगह मुख्यमंत्री के मित्रों के द्वारा प्रायोजित भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्रदेश सरकार ने आपदा से त्रस्त लोगों को राहत पहुंचाने में भी हद दर्जे का भ्रष्टाचार किया है। लोगों से आपदा के नाम पर चंदा वसूलने से लेकर आपदा राहत राशि बांटने के नाम पर हद दर्जे का भ्रष्टाचार एवं पक्षपात हुआ। प्रभावित परिवारों के बजाय प्रभावी परिवारों को राहत पहुंचाई गई। आज नहीं तो कल सरकार की इस अराजकता का हिसाब होगा। सरकार की इसी नाकामी के कारण प्रदेश के लोगों ने हिमाचल प्रदेश की 68 में से 61 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस हराया। हारने वालों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई बड़े मंत्री और सीपीएस के हलके भी शामिल हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि आने वाले वक्त में कांग्रेस के नेताओं, मंत्रियों, विधायकों को अभी और भी बुरे दिन देखने हैं। प्रदेश के लोग सड़क चौराहों पर सरकार से उनकी 10 गारंटियों का हिसाब मांगेंगे। हिमाचल प्रदेश की आन-बान और शान कहे जाने वाले दिल्ली के हिमाचल भवन के कुर्की करने की नौबत आ गई। इसके लोग प्रदेश के लोग उन्हें माँफ नहीं करेंगे। एचपीटीडीसी के 18 होटल निजी क्षेत्रों में देने की तैयारी सरकार ने कर ली और मुख्यमंत्री कहते हैं कि जो नुक़सान में होटल हैं उन्हें निजी हाथों में दिया जाएगा और उपमुख्यमंत्री अगले दिन मीडिया में आकर कहते हैं कि किसी माई के लाल में दम नहीं है कि वह होटल बेच दे। प्रदेश के लोग इस उठापटक के बारे में भी जानना चाहते हैं कि सरकार में यह कौन इसी नूरा कुश्ती आपस में चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही के रास्ते पर चल रही है। वह अब यह भी जान ले कि भाजपा सड़क से लेकर सदन तक जनहित के मुद्दों पर सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। अब हम भी देखते हैं कि सरकार की तानाशाही में कितना दम है और कितने दिनों तक जनहित के मुद्दों से भाग सकती है

इस मौके पर उनके साथ सदर विधायक अनिल शर्मा, नाचन के विधायक विनोद कुमार, बल्ह विधायक इंद्र सिंह गाँधी, सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल, करसोग के विधायक दीप राज, प्रदेश प्रवक्ता पंकज जम्बाल, मंडी जिला अध्यक्ष निहाल चंद, सुंदरनगर जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक हीरा लाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पॉल वर्मा, धर्मपुर के भाजपा प्रत्याशी रजत ठाकुर, समेत समस्त मंडल के पदाधिकारी और भारी संख्या में स्थानीय लोग और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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