सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
सर्दी का मौसम समाप्त होते ही छोटाभंगाल व चौहार घाटी के किसानों के लिए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी खेतीबाड़ी संबंधी कार्य शुरू होने के साथ – साथ घाटियों के जंगलों में औषधीय गुणों से भरपूर जंगली गुच्छियों का सीजन भी शुरू हो गया है। घाटियों के कुछ मेहनतकश किसान कुछ समय अपने खेतों में खेतीबाड़ी का कार्य करते है वहीँ कुछ समय जंगलों का रुख कर गुच्छियां ढूँढने के लिए निकल पड़ते हैं।
सीजन के दौरान दुर्गम इलाकों में गुच्छियों को इकट्ठा करने में लोगों में होड़ लग जाती है। यह एक परम्परा ही नहीं बल्कि कई लोग वर्षभर के लिए अपनी आर्थिकी को भी मजबूत कर लेते हैं वहीँ कई धनाड्य लोग इन गुच्छियों को जंगलों से एकत्रित कर औषधीय गुणों वाली इस सब्जी को बेचने के वजाय स्वयं ही खाने में प्रयोग करते हैं। इस वर्ष एक ओर गुच्छियों की पैदावार को लेकर मौसम अनुकूल प्रतीत हो रहा है उससे पूरी उम्मीद जगी है कि गुच्छियाँ बाहुल्य क्षेत्रों में बम्पर होगी।
घाटी के भागमल, डागी राम, दान सिंह, राजकुमार व श्याम लाल ने बताया कि इस वर्ष जंगलों में भारी मात्रा में गुच्छियाँ पैदा हुई है जिस कारण गुच्छियों के शुरूआती सीजन में ही कुछ मेहनतकश लोगों ने आधा से एक किलोग्राम गुच्छियाँ इकट्ठी तो कर ली है मगर घाटियों में अभी तक कोई भी व्यापारी गुच्छियों को खरीदने के लिए नहीं पहुँच पा रहे हैं।
उनका कहना है कि घाटियों में इस बार बर्फवारी कम होने के चलते बर्फ बहुत जल्दी पिघल गया है जिस कारण घाटियों की ऊंची – ऊंची चोटियों को छोड़ कर निचले भाग के समूचे जंगलों और आसपास के स्थानों पर गुच्छियों का मिलना संभव हो गया है। समस्त लोगों को पूर्ण विश्वाश है कि उनकी गुच्छियों को खरीदने के लिए व्यापारी उनके गाँवों में अवश्य आएंगे और गुच्छियों के सही दाम से खरीद कर उनकी आर्थिकी को अवश्य ही सुधारेंगे।