जोगिंदर नगर के कून का तर में ब्यास नदी पर पुल न बनने से आरपार आवाजाही बिलकुल बंद, हजारों लोग परेशान

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, जोगिंदर नगर

मंडी जिला 3 विधान सभा क्षेत्रों की हजारों जनता को आ रही समस्या के चलते हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने स्थानीय लोगों की टीम के साथ एक बार फिर से कून का तर में क्षतिग्रस्त पुल व निर्माणाधीन पुल का दौरा किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रकाश ठाकुर, पूर्व वार्ड सदस्य रूप लाल ठाकुर, सुंदर सिंह , हिम्मत राम ठाकुर व पुन्नू राम भी साथ रहे।

कुशाल भारद्वाज ने सत्ता पक्ष व विपक्ष पर हजारों जनता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता की समस्या की फिक्र किसी को नहीं है। उन्होंने बताया कि ब्यास नदी हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख नदी है। मंडी जिला की कोटली तहसील व जोगिंदर नगर को सड़क मार्ग से आपस में जोड़ने के लिए 1990 के दशक में एक डबल लेन यातायात पुल बनाया गया था। इस पुल के बनने से मंडी, सदर, जोगिंदर नगर, द्रंग व धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रों की हजारों जनता को फायदा मिला था। 21 महीने पहले 9 जुलाई 2023 को ब्यास नदी में आई बाढ़ में इस पुल के बहने के बाद से जनता की समस्याओं को सुनने तथा आवागमन को सुचारू करवाने के लिए सरकार व विभाग पर दवाब डालने के लिए ये उनकी 13वीं बार घटनास्थल का दौरा है।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार है तथा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। मंडी, जोगिंदर नगर व द्रंग विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के विधायक हैं और अब तो सांसद भी भाजपा की ही हैं। बावजूद इसके केंद्र सरकार को सेतु बंधन योजना के तहत डबल लेन पुल बनाने का जो प्रस्ताव भेजा गया था उसे भाजपा की केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया और भाजपा के तीनों विधायक और मंडी की सांसद कंगना रनौत ने इसे मंजूर करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। पुल बहने के 21 महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार आवाजाही बहाल करने में नाकाम रही है। अब तो हालत यह है कि पैदल आवाजाही भी बंद है।

कुशाल भारद्वाज ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा डबल लेन पुल निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत न करने से उन्हें निराशा भी हुई और राज्य सरकार को सस्पेंशन बैली ब्रिज के निर्माण के लिए जो 3 करोड़ 16 लाख रु का प्रस्ताव भेजा था उस पर लगातार आवाज उठा कर राज्य सरकार ने आखिर 2 करोड़ रुपया स्वीकृत कर धनराशि जारी की, जिससे इस पुल का निर्माण कार्य आरंभ हुआ, लेकिन पुल का निर्माण कार्य अभी सुस्त रफ्तार से चला है, जिस पर तेजी लाने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि कून का तर में नए पुल की स्वीकृति और इसका निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए सड़क से लेकर विभाग तक और जिला परिषद से लेकर सरकार के दरबार तक उन्होंने हर कदम पर संघर्ष किया है। गत दिनों पैदल चलने वाले पुल के जीर्णोद्धार का मुद्दा भी उठाया और इसे भी स्वीकृत करवाया। लेकिन जिस सुस्त गति से कार्य हो रहा है वह चिंता की बात है। क्योंकि नदी के आर पार पैदल आवाजाही भी बंद है और स्कूली बच्चे अब स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के सभी नेता जनता की इस समस्या के प्रति खामोश हैं। किसी को जनता की चिंता ही नहीं है।

कुशाल भारद्वाज ने मांग की थी कि जब तक यातायात पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता है तब तक राजाओं के टाइम के पैदल चलने वाले पुल में लकड़ी बिछवाकर इसे लोगों के चलने योग्य बनाया जाए, ताकि गर्मियों में ब्यास नदी में पानी बढ़ने पर भी लोग नदी के दोनों ओर आ-जा सकें। इसके बाद इस पुराने लकड़ी के पुल के जीर्णोद्धार को भी स्वीकृति मिली तथा कार्य भी शुरू हुआ। लेकिन अब इसका कार्य भी रोक दिया गया है।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि बड़े पुल का निर्माण कार्य शुरू हुए 5 महीने हो गए हैं, लेकिन निर्माण कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने लकड़ी के पुल को 10 दिन में तैयार करने की भी मांग की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *