सुरभि न्यूज़ कुल्लू। गैर जनजातीय जिलों में से कुल्लू जिला राज्य का ऐसा जिला है, जहां सबसे कम कोरोना संक्रमित रोगी हैं। प्रशासन की सुनियोजित व्यवस्था, दूरदर्शिता तथा पंचायती राज प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ आपसी तालमेल के चलते वर्तमान में अधिक घातक मानी जा रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण रखने के सफल प्रयास कर पाया है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. आर.सी. ठाकुर ने भी बताया कि कुल्लू से नेरचौक आने वाले रोगियों की संख्या नगण्य है। कुल्लू में संक्रमित कुल 940 रोगियों में से लगभग 90 अस्पताल में उपचाराधीन है जबकि 850 के करीब होम आईसोलेशन में है। उपायुक्त ऋचा वर्मा ने जिला में कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जिला प्रशासन की कार्य योजना पर चर्चा करते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने से पूर्व माह दिसम्बर से ही पंचायती राज संस्थाओं तथा ग्रामीणों की भागीदारी से जिला में 1300 ग्राम समितियां सक्रिय रूप में कार्यरत हैं। वार्ड सदस्य तथा 3-4 संबंधित वार्ड के लोगों की इस कमेटी द्वारा घर-घर जाकर लोगों का मार्ग-दर्शन किया जा रहा है तथा आवश्यक व्यवस्था करने के अतिरिक्त चिकित्सालय और चिकित्सक के दूरभाष नम्बर भी उपलब्ध करवाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त जिला में 28 होम आईसोलेशन मॉनिटरिंग कमेटियां भी गठित की गई है। ये समितियां होम आईसोलेशन में रोगियों के स्वास्थ्य का निरन्तर चैकअप करने के अलावा जरूरतमंद लोगों के लिए राशन तथा अन्य जरूरतों की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर रही है ।जिला में आवश्यक होने पर संबंधित लोगों से निर्धारित प्रश्नावली अनुसार दूरभाष पर सम्पर्क करके प्राथमिक सम्पर्क तलाशा जा रहा है जो संक्रमण पर नियंत्रण रखने में सफल हुआ है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू परिसर में कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए 200 बिस्तरों की व्यवस्था है। जिसमें 100 बिस्तर आक्सीजन युक्त है। शीघ्र ही आक्सीजन मेनी फोल्ड के चलते अन्य 100 बिस्तर आक्सीजन युक्त हो जायेंगे। रोगियों के लिए खाने तथा सफाई की उचित व्यवस्था के साथ ही गर्भवती कोरोना संक्रमित रोगी के लिए डलिवरी की सुविधा भी उपलब्ध करवायी गयी है। अस्पताल में उपचाराधीन रोगियों के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति तथा अन्य सुविधाओं में कोई कमी नहीं है। आयुष विभाग इस्कॉन तथा आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा ऑनलाईन मेडीडेशन करवाने के साथ ही रोगियों की कॉंसलिंग की जा रही।
उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के सीधे सम्पर्क में आने तथा नियंत्रण रूम में स्थापित 1077 नम्बर पर सहायता मांगने पर जरूरतमंदों की प्राथमिकता के आधार पर मदद की जा रही है। व्यक्तिगत तौर पर लोगों को राशन तथा अन्य जरूरत का सामान देने की इच्छा के तहत अनुमति मांगने वाली गैर-सरकारी तथा धार्मिक संस्थाओं को प्रशासन द्वारा ही अनुमति प्रदान की जा रही है, जिसके चलते संस्थाएं जरूरतमंदों का सहयोग कर पा रही है। कुल्लू भूतनाथ शमशान घाट पर एक अलग घाट का निर्माण किया गया है, जहां गठित टीम द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण मुत्यु होने की सूरत में रोगी का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार सुनिश्चित करवाया जा रहा है।
2021-05-19