सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती)तीर्थन घाटी बंजार। जिला कुल्लू उपमंडल बंजार के दूर दराज क्षेत्रों में अब मनरेगा योजना के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मनरेगा स्कीम को अब यहां पर एक रोजगार का विकल्प के तौर पर भी देखा जाने लगा है। जागरुकता के अभाव और कम दिहाड़ी होने कारण लोग इसमें ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे थे। लेकिन अब लोग मनरेगा स्कीम और श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभों के बारे जागरूक होना शुरु हो गए हैं और लोगों ने मनरेगा कार्य में अपनी दिलचस्पी बढ़ाना शुरु कर दी है, जिसका नतीजा है कि आज बंजार क्षेत्र के करीब 1500 लोग हिमाचल श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हो चुके हैं जो अब यहां से मिलने वाली हर सुविधा का लाभ उठाने के लिए पात्र बन गए है। बंजार इकाई के संयोजक अजीत राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना बनी जिसे अब मनरेगा स्कीम के नाम से जाना जाता है। यह कानून एक वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है लेकिन सरकारी तन्त्र के उदासीन रवैए और लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इस कानून के तहत मिलने वाले लाभ आज तक भी नहीं मिल पा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान कई लोगों के रोजगार छिन गए जिस कारण अब ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत काम करने की मांग बढ़ रही है। इन्होंने बताया कि मनरेगा कानून और श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत ग्रामीण कामगारों को मिलने वाले लाभ और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए ही इनके संगठन ने आभियान छेड़ा हुआ है। इसी कड़ी में सोमवार को उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के बठाहड़ में ग्राम पंचायत मशयार के लोगों को एक दिवसीय जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत मश्यार की प्रधान शांता देवी, वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी दौलत भारती, ग्रामीण कामगार संगठन बंजार महिला प्रकोष्ठ की प्रधान भावना चौहान, समिती सदस्य एवं सचिव कमला देवी, सदस्य भीमा देवी, ग्राम पंचायत मश्यार के उपप्रधान बीर सिंह, वार्ड पंच गोयला देवी, डोलमा देवी, मीरा देवी, भाग चंद, महिला मंडलों की सदस्य, सामाजिक अंकेषण टीम के सदस्य, पंचायत सचिव और ग्राम सेवक आदि विषेश रूप से उपस्थित रहे। इस मौके पर अजीत राठौर ने उपस्थित महिलाओं को मनरेगा कानून और इसके तहत श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभ और सुविधाओं के बारे में विस्तृत से जानकारी दी है। बंजार इकाई महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष भावना चौहान ने उपस्थित महिलाओं को मनरेगा स्कीम के तहत महिलाओं को मिलने वाले लाभ तथा इसमें आने वाली समासायाओं और इनका समाधान तथा महिला सशक्तिकरण सहित अन्य कई मुद्दों पर महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है। इन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर महिलाओं की भागीदारी ही मनरेगा कार्य में रहती है इसलिए इनका अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना लाजमी है। महिलाओं को प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया भी समझाई गई और विभिन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित भी किया गया है।
ग्रामीण कामगार संगठन बंजार के संयोजक अजीत राठौर ने बताया कि बंजार क्षेत्र में श्रमिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया चालू है। इन्होंने बताया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड से कामगारों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनेकों सुविधाएं प्रदान की जाती है जिसमें जीवन बीमा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पेंशन जैसी अनेकों योजनाएं प्रमुख है। इसके अलावा कामगारों के बच्चों की शादी के लिए आर्थिक सहायता और प्रसूता महिलाओं के लिए अस्सी हजार रूपए तक की आर्थिक सहायता और परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर अन्तिम संस्कार हेतू भी आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। इन्होंने कहा है कि इनका संगठन एक गैर राजनीतिक और सामाजिक संगठन है जो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे कामगारों को संगठित करने का कार्य कर रहा है। बंजार क्षेत्र में इनकी टीम लम्बे समय से दूर दराज पंचायतों में जाकर महिलाओं, श्रमिकों और पिछड़ों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इन्होंने बताया कि आज बंजार क्षेत्र की सैंकड़ों महिलाएं श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्य बन कर यहां से मिलने वाले लाभ के लिए पात्र बन चुकी है। ग्राम पंचायत मश्यार की प्रधान शांता देवी ने अजीत राठौर और इनकी टीम का इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आभार जताया है। इन्होंने कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम से आवश्यक ही यहां के लोगों को आने वाले समय में लाभ मिलेगा।