ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण और इसके स्थानीय प्रभाव पर होगी चर्चा परिचर्चा। सहारा संस्था, हिमालय नीति अभियान और मनरेगा कामगार संगठन का एक दिवसीय संयुक्त सम्मेलन।
सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती) तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार। आजकल 31 अक्टुबर से 12 नवम्बर 2021 तक ग्लासगो स्कॉट-लैंड में संयुक्त राष्ट्र विश्व जलवायु परिवर्तन सम्मेलन चल रहा है। देश और प्रदेश में भी कई स्थानों पर यह सम्मेलन मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में सहारा संस्था, हिमालय नीति अभियान और मनरेगा कामगार संगठन के संयुक्त तत्वावधान से बंजार के खुंदन सहारा कार्यालय में भी 8 नवम्बर को एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सहारा संस्था के निदेशक राजेन्द्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदुषण से होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा परिचर्चा की जाएगी। इन्होनें बताया कि वैश्विक गर्मी के कारण जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हिमालय तथा यहां के पहाड़ी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। जिस कारण वर्षा चक्र में बदलाव, प्रलयकारी तूफान ओलावृष्टि, बाढ़ व सुखा जैसी अनेकों विनाशकारी आपदाएं मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए गम्भीर चुनौतियां खड़ी हुई है,जिसे हम झेल भी रहे हैं। यदि इसे रोका नहीं गया तो मानव जीवन के लिए यह संकट भविष्य में बहुत गम्भीर होगा। राजेन्द्र चौहान ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान गुमान सिंह, डॉक्टर बरयाम सिंह नेगी, संदीप मिन्हास और दौलत भारती बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहेगें जो जलवायु परिवर्तन व इसके स्थानीय प्रभाव के अलावा पर्यावरण प्रदूषण, प्लास्टिक व अन्य कचरा प्रबंधन, वन अधिकार कानून व सामुदायिक वन प्रबन्ध, पर्यटन उद्योग व स्थानीय समुदाय, वनों का विनाश जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा करेंगे। इन्होनें बताया कि इस सम्मेलन के लिए बंजार क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों, पर्यटन कारोबारियो और स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधिओं को आमन्त्रित किया गया है।