सुभी न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू व ज़िला सांस्कृतिक परिषद् कुल्लू के संयुक्त तत्वावधान में कला केन्द्र कुल्लू में बाल नाट्योत्सव आयोजित किए जा रहा है। दो दिवसीय बाल नाट्योत्सव का आरम्भ संस्था के रंगकर्मियों द्वारा मई माह में कुल्लू के पांच सरकारी स्कूलों में आयोजित निशुल्क नाट्य कार्यशालाओं में पनपे नाटकों से हुआ।
नाट्योत्सव के पहले दिन प्रस्तुत किए गए तीन लघु नाटकों में कल्पना गौतम के निर्देशन में राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठशाला सुल्तानपुर की छात्राओं ने नशे पर जागरूकता पर आधारित नाटक लापरवाह, जीवानन्द चैहान के निर्देशन में राजकीय उच्च विद्यालय भुलन्ग के छात्रों ने आजकल के युवाओं का पाश्चात्य संस्कृति के आकर्षण को व्यक्त करता व्यंग्य नाटक अंग्रेज़ो भारत मत छोड़ो और आरती ठाकुर के निर्देशन में राजकीय उच्च विद्यालय बदाह के छात्रों ने भारतेन्दु हरिश्चंद्र का प्रसिद्व नाटक अंधेर नगरी प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
नाटक एक ऐसे राजा की कहानी ब्यां करता है जिसके नगर में हर चीज़ टके सेर ही मिलती है अर्थात किसी चीज़ का कोई मूल्य ही नहीं है। वह अपने आप को न्यायप्रिय कहता है और ऐसा न्याय करता है कि जब जिसे फांसी की सज़ा दी गई तो उसे फंदा बड़ा हो गया क्योंकि वह बंदा पतला था तो राजा कहता है कि किसी मोटे आदमी को पकड़ कर फांसी पर चढायो दो नही तो न्याय नहीं होगा। अंततः कुछ बुद्विजीवी लोग उसे ही अपने बुद्वि कौशल से फांसी पर चढ़ा देते है।
नाटकों में सुल्तानपुर स्कूल की श्रिष्टी, रिया, नन्दिनी, सकीना, वंशिका, कल्पना, अनामिका, आरती, पूनम, कोमल, टीनेश्वरी, सुप्रिया, दीपाली, ममता व गुनगुन ने और भुलन्ग स्कूल के निशा, किरना, मधु, जतिन, सोनू, हितियाशा, दिव्या, दिपांकुर और धर्मचन्द ने जबकि दमसेहड़ स्थित बदाह स्कूल के अंजली, कुनाल, कृतिका, श्रद्वा, ऋशिका, सत्यंम, मनदीप, पलक, गीतांजलि, हंसू और सोना बच्चों ने अपने अभिनय के जौहर दिखाए।
प्रस्तुतियों के समापन पर ज़िला लोक संपर्क अधिकारी नरेन्द्र शर्मा ने उपस्थित दर्शकों को तथा प्रस्तोता बच्चों को सम्बोधित किया और कहा कि मोनाल संस्था का यह कार्य सराहनीय है। इससे एक तो बच्चों और युवाओं को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिल रहा है और साथ ही इस
तरह की गतिविधियों में जुट जाने से नशे जैसी आदतों से भी छुटकारा मिल रहा है।