चैरी जामुन और हम खाने लिए चाहिए दम सवस्थ रहे हम

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विजय उपाध्याय काँगड़ा। दुनियां में सनकी लोगों के कई किस्से हैं उन किस्सों में हम भी कहीं पसरे पड़े हैं। चैरी और जामुन हमारी कमजोरी है। यूं तो हम ने अपने बागीचे में तरह तरह के फल लगायें है मगर ज्यादा लगाव चैरी और जामुन से है। चैरी हमें हर वर्ष आजकल शिमला खींच कर ले जाती है। शिमला के नारकंडा से लेकर कुफरी तक दुनिया भर की उम्दा चैरी मिलती है और बरसात में जामुन मुझे घर गांव खींच लाते हैं। जामुन के सीजन में हर साल छुट्टी आना तय है। पेट भर कर जामुन खाने के बाद चार आम खा लिये तो सब हजम हो जाता है। जामुन फल वैज्ञानिक नाम:Syzygium cumini एक सदाबहार वृक्ष है जिसके फल बैंगनी रंग के होते हैं इसका आकार लगभग एक से दो सेमी. व्यास का होता है। यह वृक्ष भारत एवं दक्षिण एशिया के अन्य देशों एवं इण्डोनेशिया आदि में पाया जाता है। इसे विभिन्न घरेलू नामों जैसे जामुन, राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि के नाम से जाना जाता है। प्रकृति में यह अम्लीय और कसैला होता है और स्वाद में मीठा होता है। अम्लीय प्रकृति के कारण सामान्यत: इसे नमक के साथ खाया जता है। जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने योग्य होता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं। फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है। अन्य फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है। एक मध्यम आकार का जामुन 3-4 कैलोरी देता है। इस फल के बीज में काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है। यह लोहा का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम में एक से दो मिग्रा आयरन होता है। इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं। जामुन का प्रयोग कई बिमारियों के उपचार मे किया जाता है। गर्मियों के दिनों मे जामुन के सेवन करने से लू नहीं लगती है। यह कैंसर की संभावना को कम करने मे भी काफी मददगार है। मधुमेह के उपचार मे जामुन खाने से शुगर के रोगी को फायदा होता है। यह रक्त के अंदर शक्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। डायबिटिज के रोगी को रोजाना जामुन का सेवन करना चाहिए। रोज 100 ग्राम जामुन का सेवन करना चाहिए। जामुन की गुठली ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने मे काम आती है। पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए जामुन फायदे मंद है। रोज सुबह खाना खाने के बाद जामुन खाने से पेट साफ होता है। पेट के अंदर ऐंठन की समस्या दूर करने के लिए जामुन की छाल का काढा बनाकर पीने से दूर हो जाती है।‌‌‌ एनिमिया के उपचार मे जामुन हमारे शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करते हैं। जिस व्यक्ति के शरीर के अंदर खून की कमी हो उसे जामुन का सेवन करना चाहिए। जामुन के अंदर कैल्शियम,पो‌‌‌टैशियम और आयरन पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं।‌‌‌ मसूड़ों के लिए जामुन के पत्ते फायदेमंद हैं। यदि मसूंडों के अंदर खून आता है तो जामून की गुंठली पीस कर नमक के साथ मसूडों पर लगाने से फायदा होता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन आ रही है तो जामुन के पत्तों को उबाल कर कूल्ला करना चाहिए। ‌‌‌यदि मूंह के अंदर दूर्गंध आ रही है तो जामून के पत्ते चबाना चाहिए। यदि लिवर के अंदर किसी प्रकार की समस्या है तो सुबह शाम जामुन का रस पीना चाहिए जिससे लिवर की समस्या ठीक हो जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को पत्थरी की समस्या है तो जामुन का पाउडर दही के साथ मिलाकर रोज खाने से पत्थरी की समस्या भी दूर हो जाती है। जिस व्यक्ति को गठिया होता है। उसे जामुन की छाल को पीस कर जोड़ों पर लेप करने से फायदा होता है। ‌‌‌जामुन के बीजों का प्रयोग चेहरे के पिंपल्स को हटाने के लिए किया जाता है। बीजों को पीस कर दूध मिलाकर पेस्ट बनाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं ऐसा कई दिनों तक करें जिससे चेहरा साफ होगा और चेहरे के दाग दब्बे दूर होंगे। आवाज को सूरीली बनाने मे भी जामुन मददगार होता है। जामुन का चूर्ण रोज चाटने से आवाज साफ और सूरीली बनती है। ‌‌‌जामुन छोटे बच्चों के लिए भी अच्छे रहते हैं। यदि बच्चों को दस्त की समस्या हो तो जामुन की ताजी छाल को पिस कर बकरी के दूध के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। यदि बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तो जामुन का चूर्ण खिलाने से लाभ होता है। जामुन के इस जनून ने मुझे कई बार मौत के मुहाने तक भी पहुंचा दिया मगर हम बच गये। अपने घर के पास अच्छे जामुन का पेड़ था जो अब नहीं रहा। मै तब डलहौजी में पोस्ट था। जामुन खाने घर आया और आते ही पेड़ पर चढ़ गया। थोड़ी देर बाद जिस टहनी पर खड़ा था वह चरमरा गयी। मैनें हाथ से ऊंपर वाली टहनी पकड़ ली और सहायता के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। घर के सारे सदस्य जामुन के नीचे खड़े परेशान थे कोई चारपाई ले आया तो कोई गद्दा डाल रहा था और मैं ऊंपर हवा में लटका सोच रहा था कि आज गया। काफी ऊंचाई पर लटकने से अब बाजू दर्द कर रहे थे। मैं आयडिया ही लगा रहा था कि कैसे गिरें ताकि कम से कम हड्डियां टूटे इतने में ऊंपर वाली टहनी भी चरमराने लगी। गनीमत यह रही कि वह एकदम नहीं टूटी और आहिस्ता आहिस्ता टूटते हुए नीचे झुक गयी और करीब बीस फुट नीचे आ कर मैने टहनी छोड़कर गद्दे पर गिरने का प्रयास किया। जैसे ही मैं गद्दे पर गिरा मां ने हाय हाय की जोरदार चीख मारी। मां, पत्नीं और बेटी गुटटू मेरे हाथ पैर जांच रहे थे। मुझे ठंडा पानी पिलाया गया। मैनें संयत हो कर कहा सब ठीक है कुछ नहीं हुआ मुझे। मां ने कहा आज के बाद कसम खा तू जामुन नहीं खाएगा। मैनें हंसते हुए कहा वह तो मैं जरूर खाऊँगा मगर पेड़ पर नहीं चढ़ूगा। सब ने राहत की सांस ली। पिछले साल जामुन नहीं थे तब भी पांच सौ रुपये किलो खरीद कर दो तीन बार खा लिये। इस बार तो जामुन की भरमार है पंद्रह दिन की छुट्टी तो बनती है मिल गयी तो ठीक वर्ना कागजी बीमार होने से कौन रोक सकता है। जामुन तो खायेंगे ही।

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