(सतेंदरा नाथ श्रीवास्तवा पोस्ट)साईकिल का आविष्कार आज से 200 साल पहले यूरोप में नहीं बल्कि 2000 साल पहले भारत में हुआ था। तमिलनाडु के प्राचीन पंचवर्णस्वामी मंदिर की एक दीवार पर साईकिल पर बैठे एक व्यक्ति की मूर्ति उत्कीर्ण है। जिसमें साफ तौर पर पैडल मारता हुआ बड़ी-बड़ी मूंछवाला भारतीय_व्यक्ति दिख रहा है। इस आकृति ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है कि ऐसा कैसे हो सकता है। क्या भारतीय अविष्कार करने में दुनिया से इतना आगे थे। हमारे धन-संपत्ति, हीरे-जेवरात के 900 समुंद्री जहाजों के साथ उन्होंने ज्ञान-विज्ञान, तकनीक सब कुछ चुराया है। और भाषा बदल कर सब अपने नाम से छपवाया है। हमारी लूट की कल्पना भी सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। यह अपनी भारत माता सम्पूर्ण विश्व की माता शून्य दशमलव बिंदु दिया लीलावती से ग्रंथ दिया और सारा अन्वेषण भी यही हुआ।