डा. देवकन्या ठाकुर का कहानी संग्रह ‘मोहरा’ पहाड़ में प्रचलित परम्पराओं की तहें खोलता हुआ उनके भीतर की एक अलग ही दुनिया से अवगत कराता है। बाहर से बिलकुल सभ्य और अभ्युचित से दिखने वाले पहाड़ी समाज की गांठे खोलती कहानियां पाठक के भीतर एक गूंज की तरह ठहर जाती हैं। सभी कहानियां शिल्प, भाषा शैली और तेवर की दृष्टि से मंझी हुई और सधी हुई हैं। इन कहानियों में लेखिका ने यथार्थ और कलात्मक प्रयोग को नई ऊंचाई दी है। संग्रह की कहानियां जहाँ स्त्री विमर्श पर मुखर होकर परम्पराओं और संस्कृतियों में जुड़ी पहाड़ी स्त्री के संघर्ष और मनःस्थितियों को उकेरने में सफल होती हैं वहीं अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर भी संग्रह की कहानियां अपनी बेबाक राय सिद्ध करने में कामयाब होती हैं। कहानी संग्रह मोहरा जल्दी ही मार्किट में उपलब्ध हो जायेगा।
2021-07-13