सुरभि न्यूज़ (सी शर्मा)आनी। जिला कुल्लू के अध्यापक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के शिक्षा मंत्री को मिला, जिसमें अध्यापकों ने विद्या उपासक योजना 1998 के अंतर्गत विद्या उपासक के रूप 16 /8/2000 में लगे अध्यापकों ने पैंशन व अन्य सेवा लाभ के लिए सी डब्ल्यू पी o.8953 दायर कर रखी थी जिसका निर्णय 2015 में इन अध्यापकों के पक्ष में आया व माननीय उच्च न्यायालय ने इनको पैंशन लाभ व वार्षिक वेतन वृद्धि बतौर राहत प्रदान की। उसके बाद भी सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के निर्देशों के बाद भी उस निर्णय की पूर्ण रूप से लागू नहीं किया और इस संबंध में समय समय पर नई नई अधिसूचना जारी की। माननीय उच्च न्यायालय ने पेंशन लाभ के साथ वेतन पर वार्षिक वेतन वृद्धि की राहत जो प्रदान की थी पूर्व सरकार ने उस वार्षिक वेतन वृद्धि को मूल वेतन पर ना लगाकर मानदेय पर 3 प्रतिशत की दर से लगाने के आदेश जारी किए जो की इन अध्यापकों के साथ अन्याय हुआ है। जैसा की सर्व विदित है कि वार्षिक वेतन वृद्धि केवल मूल वेतन पर ही लगाई जाती है ना कि मानदेय पर। इस संदर्भ में सभी अध्यापकों ने मंत्री महोदय को अपने केस सम्बंधित फ़ाइल शिक्षा मंत्री महोदय को सौंपी और गुहार लगाई कि आप स्वयं इस ज्वलन्त मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि कोर्ट के आदेशानुसर मूल वेतन पर लगाकर हिमाचल के लगभग 2100 अध्यापकों को न्याय मिले।इस मौके पर दिनेश ठाकुर, प्रिया ठाकुर, प्रेम, महंत, महेंद्र सिंह, देवेंद्र, ज्ञान, चमन, तनुजा, राम लाल, दया राम, चन्द्रकान्त, जयपाल, निशा शर्मा, आदि अध्यापक उपस्थित रहे।शिक्षा मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि वे इस पर जरूर अमल करेंगे और विचार करेंगे
उन्होंने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में पहले भी आया है।
2021-07-29