सरकारी की नीतियों और योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में कर्मचारियों की भूमिका अह्म-गोविंद ठाकुर

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सुरभि न्यूज़ कुल्लू। कर्मचारी सरकार की रीढ़ कहे जाते हैं और शासन की नीतियों, कार्यक्रमों व विकास योजनाओं को धरातल पर व्यवहारिक रूप देने में कर्मचारियों की भूमिका अहम् है। यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को रथ मैदान ढालपुर में कुल्लू जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सम्मेलन को संबोधित कर रह थे। गोविंद ठाकुर ने कहा कि डेढ़ वर्ष से अधिक का समय कोरोना वायरस के संकट में बीता है। सामाजिक परिवेश में कोरोना ने बड़ा बदलाव लाया है। कर्मचारियों की कोरोना संकट के समय सकारात्मक भूमिका रही है। उन्होंने इस संकट को समीप से देखा और समझा। गोविंद ठाकुर ने कहा कि उनका कर्मचारियों को एक मंच पर मिलने का बड़े अर्से से मन था और आज ऐसा संभव हो पाया है जब आप सभी के साथ हम विभिन्न पहलुओं पर बात कर पा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम की सरकार कर्मचारियों की हितैषी है और कर्मचारियों से हमेशा सौहार्दपूर्ण रिश्ता सरकार का रहा है। मुख्यमंत्री ने सयुक्त सलाहकार संघ (जेसीसी) रखी है जिसमें वह निश्चित तौर पर कर्मचारियों के अनेक मुद्दों और मांगों पर चर्चा कर उनका समाधान करेंगे। गोविंद ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को प्रदेश की बागडोर संभालने केे बाद अनेक वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में वेतन और भत्तो पर कुल 18836 करोड़ रुपये व्यय किया गया है जो राजस्व व्यय का कुल 30 फीसदी है। पेंशन पर 7266 करोड़ खर्च किया है जो रातस्व व्यय का 14.79 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों के दौरान वेतन में क्रमशः 3.23 प्रतिशत, 26.09 प्रतिशत तथा 6.82 प्रतिशत की बृद्धि की गई। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग से भी कर्मचारियों के वेतन में संभवतः अच्छी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को वर्ष 2018 से अंतरिम राहत प्रदान की है। अनुबंध कर्मचारियों की ग्रेड पे में 100 प्रतिशत वृद्धि की और फिर इसे 150 प्रतिशत किया गया। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 20 साल का कार्यकाल पूरा होने पर एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों के मातृत्व अवकाश को 135 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन किया। उनहोंने कहा कि करूणामूलक आधार पर नौकरी के लिए सेवाानिवृति तक की आयु कर दी गई है। पहले यह आयुसीमा 50 साल थी। उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदार कर्मियों की दिहाड़ी कों 225 रुपये बढ़ाकर 300 रुपये किया गया और भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2018 में कर्मचारियों के नये आवासों के लिए 65 करारेड़ रुपये तथा मुरम्मत के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। 2021 में जिला स्तर पर आवासों के लिए 36 करोड़ जबकि मुख्यालय शिमला में 42 करोड़ रुपये बजट सरकार ने प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कार्यालय भवनों की मुरम्मत के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन योजना के 80 हजार कर्मचारियों को सरकार की ओर से हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया। डीसीआरजी भी इन कर्मियों को प्रदान की जा रही है और इसके लिए 110 करोड़ का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2021 तक 15315 नई भर्तियां सरकारी क्षेत्र में की गई है जबकि इसी अवधि में 4278 नये पदों का सृजन भी किया है। इस साल अंत तक यह भर्तियां 25 हजार का आंकड़ा पार कर देंगी। उन्होंने सभी लोगों से आह्वान किया कि 15 अगस्त को अपने-अपने घरों में सभी झंडा फहराएंगें और समाज को तोड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों को कड़ा संदेश देंगे। जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आशु गोयल ने स्वागत किया और मंत्री के समक्ष कर्मचारियों की कुछ मांगों को पूरा करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हमेशा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आम जन की सेवा तथा विकास कार्यों में अपना सहयोग करते हैं। प्राथमिक अध्यापक संघ के अध्यक्ष इंद्र ठाकुर ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि गोविंद ठाकुर ने जिला में शिक्षकों के सभी पद भरे हैं। अध्यापकों की समय पर पदोन्नतियां की हैं जिसके लिए समस्त अध्यापक वर्ग प्रदेश सरकार का आभारी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक अकेला ऐसा राज्य है जहां प्राथमिक पाठशालाओं का अपना एक कलस्टर है। एपीएमसी के सलाहकार रमेश शर्मा, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष सुखराम तथा विभिन्न विभागों की एसोसियेशनों के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में जिला के कर्मचारी मिलन समारोह में उपस्थित रहे।

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