सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। आज़ादी के लगभग सात दशक बीत जाने के बाद भी जिला मंडी की चौहार घाटी तथा जिला कांगड़ा की छोटाभंगाल घाटी के लोग मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। घाटियों के कई गाँव सड़क सुविधा से वंचित है। इसी कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन गाँवों में सड़क सुविधा न होने के कारण आज भी लोगों को पीठ पर ही जरूरी सामान धोने को मज़बूर होना पड़ रहा है। वहीँ नकदी उत्पाद भी बाज़ार तक ले जाना कठिन हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चौहार घाटी के सच्चाण, लटराण, ख्बाण, गाहंग, भदराण, तेरंग, समालंग, डगवाण धार, धार कटियाण, लच्छयाण, सिंहधार, बजौट कथयाडू, जलाण, कहोग, नमाण, तरवाण, काव, जमटेहड़, कल्होग, पालाखुंडी, शिड़ी रा फाट, घरयाण पाधरू व लुश कुटला तथा छोटाभंगाल घाटी के कोली रूलिंग, अपर कोठी कोहड़, गगलू दी मलाह, शंगरेहड़, जुधार, तरमेहर, भुजलिंग, अंदरली मलाह, तरमेहर व लोआई गाँवों में सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं। इसी कारण इन गाँवों के लोग मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। चौहार घाटी के समाजसेवक रामसरन चौहान ने बताया कि इन दोनों घाटियों की प्रमुख समस्या हर विभागों में रिक्त पदों की भी सता रही है। ज्यादातर स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पड़ के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा इन दोनों घाटियों में स्वास्थय, राजस्व, वन विभाग तथा जलशक्ति विभाग में कई रिक्त पदों से समूची व्यवस्था चरमरा गई है। इन दोनों घाटियों को कई साल पूर्व भाजपा कार्यकाल के दौरान ओबीसी क्षेत्र घोषित किया गया है। लेकिन इसके अनुसार यहाँ पर सुविधाएं न के बराबर ही है। सामाज सेवक रामसरन चौहान सहित घाटीवासियों ने द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर तथा बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी से मांग की है कि इन क्षेत्रों की ओर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जाए।
2021-08-24