सुरभि न्यूज़ कुल्लू। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बैंकों से कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत विभागों द्वारा प्रायोजित ऋण मामलों पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जल्द से स्वीकृति प्रदान करें। ऐसा करने से व्यक्ति को समयबद्ध सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा और वह अपनी आजीविका शुरू कर सकेगा। वह वीरवार को जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समन्वय समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त ने कहा कि कुछ बैंक कई महीनों तक लोगों का ऋण स्वीकृत नहीं करते और न ही निरस्त करते हैं। महज लटका कर रखते हैं और ऐसे में लाभार्थी बैंक के बार-बार चक्र काटकर मानसिक तौर पर परेशान हो जाता है और उसका आर्थिक नुकसान भी होता है। यदि ऋण के मामले में कोई कमी है तो तुरंत से प्रार्थी को बताएं।
किसी प्रकार की आना-कानी करने से बैंक की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन के मामले लंबित नहीं रहने चाहिए क्योंकि इससे सीधे तौर पर व्यक्ति की आजीविका जुड़ी है। उन्होंने बैंकों से कहा कि सी.डी. अनुपात राष्ट्रीय अनुपात की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत कम है और इसे सुधारने में सभी बैंक सहयोग करें। आशुतोष गर्ग ने कहा कि जिला में वार्षिक ऋण योजना के तहत चालु वित वर्ष के दौरान 1624 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकावले 30 जून 2021 तक 184.44 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी बैंकों को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने बैंकों की विभिन्न योजनाओं के बारे में विशेषकर केन्द्र सरकार की बीमा योजनाओं के बारे में आम लोगों में जागरूता उत्पन्न करने की जरूरत पर बल दिया। भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ स्वर ग्रोवर ने बैंकों को अनेक मामलों में आरबीआई नियमों के बारे में अपडेट किया। उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि वह प्रधनमंत्री मुद्रा योजना अथवा राज्य सरकार की योजनाओं में उदार ऋण नीति को अपनाएं। अग्रणी जिला प्रबंधक पामा छेरिंग ने जानकारी दी कि जिला में विभिन्न 21 बैंको की 128 शाखाओं का एक बड़ा नेटवर्क है। 126 एटीएम जिला में हैं।
जिला में बीती तिमाही तक बैंको के डिपोजिट में 405 करोड़ रुपये जबकि अग्रिम में 302 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। इस प्रकार कुल डिपोजिट 7365 करोड़ तथा अग्रिम 3205.48 करोड़ का है। सभी बैंकों को अग्रिम में बृद्धि करने को कहा गया है ताकि सीडी अनुपात में सुधार हो सके। पामा छेरिंग ने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बैंका का बकाया अग्रिम 2508 करोड़ रुपये तथा गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में यह राशि 698 करोड़ रुपये हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में 1001 करोड़ रुपये के ऋण, लघु व मध्यम उद्यमों में 912 करोड़, आवास में 389 करोड़ जबकि शिक्षा के क्षेत्र में 41.39 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं। नाबार्ड ने मछली उत्पादन-रेनबो ट्राउट तथा दुग्धोत्पादन-डेरी विकास की दो विशेष योजनाएं आरंभ की हैं और इन योजनाओं के लिए बैंकों को लक्ष्य दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि कुल 92 हजार खातों में से 10314 को 348.63 करोड़ के बकाया के साथ एनपीए श्रेणी में रिपोर्ट किया गया है। केसीसी योजना, रूपे कार्ड, मुद्रा लोन सहित विभिन्न योजनाओं में ब्याज में छूट के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित जिला के सभी बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।