सुरभि न्यूज़ (परस राम भारती) गुशैनी बंजार। जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के शाईरोपा में आबकारी एवं कराधान आयुक्त कुल्लू प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में बंजार क्षेत्र की जिभी और तीर्थन घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर आबकारी एवं कराधान अधिकारी कुल्लू विनोद शर्मा, ग्राम पंचायत कंडीधार के उपप्रधान मोहिंद्र सिंह, तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण भारती, हिमालय इको टूरिज्म सोसाइटी के प्रधान केशव ठाकुर, इको टूरिज्म फेसिलिटेटर जीएचएनपी गोविन्द सोनू ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति विषेष रूप से उपस्थित रहे। आबकारी एवं कराधान आयुक्त प्रदीप शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी के प्रति करदाताओं में जागरुकता लाना है ताकि कर का सरलता से एकत्रीकरण हो सके और टैक्स चोरी पर भी अकुंश लगे। वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के प्रति छोटे व्यापारियों और कारोबारियों को काफी शंका बनी रहती है। इन्हीं शंकाओं को दूर करने और उनका समाधान बताने हेतु ही बंजार क्षेत्र के पर्यटन कारोबारियों के लिए इस जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त कुल्लू प्रदीप शर्मा द्वारा उपस्थित लोगों को जीएसटी कानून के विभिन्न प्रावधानों और बारीकियों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गई है। इस दौरान कई कारोबारियों ने अपनी जिज्ञासाओं और शंकाओं को लेकर अधिकारियों से कई तरह के प्रश्न किए जिनका इन्होंने बखूबी जवाब देकर समाधान भी बताया है। प्रदीप शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा अन्य सभी करों को समाप्त करके टैक्स एकत्रित करने के लिए एक जीएसटी कानून लाया गया है। जीएसटी के लागू होने से अब लोगों को टैक्स के उपर टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस टैक्स व्यवस्था से आम जनता को बहुत फायदा होगा क्योंकि उन्हें किसी भी कार्यालय के चक्र नहीं लगाने पड़ेंगे और टैक्स की चोरी भी रुक जाएगी क्योंकि यह पूरा सिस्टम ऑनलाइनऔर पारदर्शी है। इन्होंने बताया कि जीएसटी को माल एवं सेवा कर के रुप में जाना जाता है जो एक अप्रत्यक्ष कर है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी का काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है। इन्होंने बताया कि जीएसटी दरों की पांच श्रेणियां है जिसमें शून्य, 5, 12, 18 और 28 फीसदी तक के टैक्स स्लैब है। 20 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर कमाने वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण जरूरी नहीं है हालांकि यह स्वैच्छिक है कोई भी कारोबारी अपनी इच्छा से जीएसटी के लिए पंजीकरण करवा भी सकता है और रद्द भी कर सकता है। पर्यटन एवं होटल उद्योग से अर्जित होने वाली आय भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। होमस्टे व होटल के कमरों पर लगने वाले जीएसटी की दरें कमरे के घोषित टैरिफ या किराए के अनुसार अलग अलग निर्धारित की गई है। यदि कमरे का किराया 1000 रुपए से कम है तो कोई भी जीएसटी नहीं देना होगा। यदि कमरे का किराया 1000 से 2499 रुपए तक है और सालाना कमाई 20 लाख रुपए से अधिक है तो आपको 12% जीएसटी देना होगा। 2500 से 7499 रुपए तक किराए वाले कमरे के लिए 18% और 7500 से अधिक किराए वाले कमरे पर 28% जीएसटी देना होता है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों की सेवाओं और रेस्टोरेंट संचालन पर 5% जीएसटी देना होगा। यदि आपकी सालाना कमाई 20 लाख रुपए से कम है तो आपको जीएसटी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ग्राम पंचायत कंडीधार के उपप्रधान मोहिंदर सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा यहां पर पधार कर पर्यटन कारोबारियों को जीएसटी की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आभार व्यक्त किया है। इन्होंने कहा है कि भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन होता रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में तीर्थन घाटी और जीभी के पर्यटन कारोबारी क्रिस्टोफर मित्रा, ओम प्रकाश, जगदीश ठाकुर, मोहर सिंह, आशीष प्रभात, तरुण ठाकुर, राजकुमार, देवराज, रमेश, पंकी सूद, कृष्ण कुमार, चेतराम, एलु राम ठाकुर, रॉबिन ठाकुर, नरेश कुमार, टेक सिंह, मेघ सिंह, आकाश, प्रशांत नेगी और राकेश कुमार आदि ने विशेष रुप से हिस्सा लिया है।