सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। प्रदेश सरकार व लोक निर्माण विभाग दुर्गम क्षेत्र चौहार व छोटाभंगाल घाटी में बस यात्रियों को सम्पूर्ण सुविधा देने में कोई दिलचस्पी ही नहीं दिखा रही है। दोनों घाटियों में सड़क मार्गों में नाममात्र की वर्षाशालिका होने से यहाँ के बस यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी को जोड़ने वाले 25 किलोमीटर बरोट–घटासनी सड़क मार्ग जिसमें कि वर्ष 1972 से ही आजतक छोटे–बड़े वाहन सुचारू रूप से आवाजाही कर रहे हैं। मगर आजतक सता में रहने वाली किसी भी प्रदेश सरकार तथा लोक निर्माण विभाग ने मात्र दो स्थानों फियूण गलू तथा बरोट बस ठहराव में ही वर्षाशालिका को स्थापित किया है तथा छोटाभंगाल घाटी के छह किलो मीटर मुल्थान-लोहारडी सड़क मार्ग में मात्र एक लोआई बस ठहराव तथा मुल्थान–बड़ा ग्रां सोलह किलोमीटर सडक मार्ग के बीच मुल्थान, दोपनी व चेलरा दी मलाह बस ठहराव पर ही वर्षा शालिका स्थापित किया है जिस कारण दोनों घाटियों के लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। दोनों घाटियों के वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनीधियों ने इस बारे में कई बार सरकार व लोक निर्माण विभाग के समक्ष अपनी मांग भी उठाई मगर उसके बावजूद भी आजतक किसी ने भी इस समस्या से निजात ही नहीं दिलवाई। जिस कारण यहाँ के लोगों को प्रदेश सरकार व लोक निर्माण विभाग के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। छोटाभंगाल घाटी के निवासी तथा बैजनाथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष सीता राम ने प्रदेश सरकार तथा लोक निर्माण विभाग से आग्रह किया है कि लोगों की मांग पर यहाँ के जरूरत वाले बस ठहरावों के पास वर्षा शालिकाओं का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि जरूरत वाले बस ठहरावों में वर्षा शालिकाएं न होने कारण यात्रियों को गर्मियों व सर्दियों में खुले आसमान तले मजबूरन तपना व ठिठुरना पड़ता है। ऐसे में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
2021-09-18