सुरभि न्यूज़ (खुशी राम ठाकुर) बरोट। चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी साथ-साथ लगती पिछड़ी व दुर्गम घाटियां हैं जो अलग-अलग विधान सभा क्षेत्रों में होने के चलते विकास में पिछड़े जाते हैं क्योंकि जो कार्य एककार्यालय से हो सकता है उसके लिए यहां पर अलग–अलग कार्यालय खोलने पड़ते हैं जिसमें सरकार का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इन घाटियों को एक साथ समयोजित करने की मांग कई बार उठ चुकी है। लेकिन संकीर्ण राजनीति के चलते इस पर आजतक कोई भी निर्णय नहीं हो पाया है। लेकिन वर्ष 1983 में बरोट में आए तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने इन घाटियों की परेशानियों को देखते हुए यहां सार्वजनिक मंच के माध्यम से घोषणा कर दी थी कि अगर दोनों घाटियों के समस्त लोग एक मत हो तो वह इसी समय ही इन दोनों घाटियों को एक करने की घोषणा कर देंगे। लेकिन राजनीतिक हस्ताक्षेप के करण यह संभव ही नहीं हो पाया है। जिस कारण आजतक दोनों घाटियों के लोग अपने आप में बेहद पछतावा कर रहे हैं। बरोट पंचायत के प्रधान डाक्टर रमेश, मुल्थानपंचायत की प्रधान दुर्गेश तथा मुल्थान पंचायत के पूर्व प्रधान भाग सिंह ने कहा कि अब इसके लिए आशा की किरण मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर पर ही पूरी तरह टिकी हुई है जोकि इस गंभीर समस्या के बारे में पूर्णतय अवगत भी है क्योंकि मुख्य मन्त्री जयराम ठाकुर वर्ष 1998 में एक पखवाड़े तक यहाँ प्रवास भी कर चुके है उस समय उन्होंने कहा भी था कि वे इन घाटियों में विकास करवाने में अवश्य ही योगदान देंगे।